वे 1977 में नगर विकास न्यास के सदस्य बनाए गए। इसके बाद वे कई अहम पदों पर रहे। उनके पुत्र और भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री महेन्द्र मेघवाल ने बताया कि 1980 से 89 तक वे लगातार भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे। 1990 में वे पहली बार भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के नरपतराम बरवड़ को हरा कर सूरसागर विधानसभा से जीत कर सदन में पहुंचे।
इसी कार्यकाल में उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया। इसके बाद 1993 में हुए चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस के नरपतराम बरवड़ को हरा कर जीत दर्ज की। 2003 से 2008 तक वे अंतिम बार विधायक रहे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के भंवरलाल बलाई को हराया था। इसके बाद सूरसागर सीट का परिसीमन हो गया, लेकिन वे पार्टी में सक्रियता के साथ काम करते रहे।