12 अधिकारियों ने 10 ठिकानों पर दी दबिश, मैनेजर के यहां निकली जगुआर सहित कई लग्जरी कारें, करोड़ों रुपए; ACB रह गई दंग
अब तक जिला स्तर पर होने वाली इस भर्ती में स्थानीय युवा काफी पिछड़ गए और उनमें से एक का भी चयन नहीं हो पाया। राजस्थान के ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) संघर्ष समिति ने इस संबंध में संचार मंत्री, मुख्यमंत्री को जांच के लिए पत्र लिखा है। संघर्ष समिति के संयोजक अनिल रामावत ने बताया कि कोविड काल में 10 वीं के एग्जाम नहीं हुए थे। उस समय हरियाणा के स्कूलों ने कई अभ्यर्थी के शत प्रतिशत अंक बोर्ड को भेज दिए। मेरिट के आधार पर उनका चयन हो गया। विभाग में ऐसे कई अभ्यर्थी आ गए, जिन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आ रहा है।चौंकाने वाले तथ्य आ रहे सामने
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की फर्जी मार्कशीट बनाने वाले हरियाणा,पंजाब में गिरोह सक्रिय।कोरोना काल में हुआ पूरा खेल, पुनर्मूल्यांकन के नाम पर कइयों के नंबर बढ़े।
हरियाणा-पंजाब में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में अच्छे नम्बर के बावजूद किसी ने आगे प्रवेश नहीं लिया।
अधिकांश ने पढ़ाई छोड़ने का कारण आर्थिक तंगी बताया।
संघर्ष समिति ने उठाई जांच की मांग
जीडीएस भर्ती के नियम में बदलाव किया जाए, 2010 की भर्ती को पुन:बहाल किया जाए।कोरोना काल वर्ष 2019 से 2022 की 10वीं मार्कशीट के आधार पर जो भर्ती हुए है, उनकी सर्कल स्तर पर 10वीं के विषयों के आधार पर लिखित परीक्षा करवाई जाए।
जिन अभ्यर्थियों के कम अंक आए उनकी भर्ती रद्द की जाए।
पेपर लीक मामले की जांच की तरह ही इस परीक्षा की भी जांच करवाई जाए।