बैंक अधिकारियों ने बताया कि डीप अकाउंट में चली गई राशि से जुड़ा पोर्टल है। बैंक उपभोक्ताओं के लिए डेटा तक पहुंच को बेहतर और व्यापक बनाने के लिए आरबीआई ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने का निर्णय लिया था। उपभोक्ताओं को इनपुट के आधार पर विभिन्न बैंकों में पड़ी अपक्लेम्ड राशि की खोज करने के लिए मौका मिलता है। आरबीआइ ने लावारिस जमा का पता लगाने के लिए केंद्रीकृत वेब सुविधा की घोषणा 6 अप्रेल को की थी।
इसलिए शुरू किया पोर्टल वेबपोर्टल की शुरुआत के साथ ग्राहक आसानी से अनक्लेम्ड जमा और खातों का पता लगा सकेंगे। इस्तेमाल से जमा खातों को व्यक्तिगत बैंकों में सक्रिय कर सकते हैं या अप्रयुक्त जमा राशि जुटा सकते हैं। प्लेटफॉर्म को रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी और भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी की ओर से बनाया गया है। फिलहाल ग्राहक पोर्टल पर सूचीबद्ध सात बैंकों में मौजूद अपनी लावारिस जमा के बारे में जानकारी देख सकेंगे।
यह है स्थिति पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने फरवरी 2023 तक करीब 35 हजार करोड़ की बिना दावे वाली जमा राशि को आरबीआइ को ट्रांसफर किया था। यह राशि ऐसे अकाउंट से जुड़ी थी, जो 10 साल या इससे ज्यादा समय से उपयोग में नहीं है। एसबीआइ में सबसे ज्यादा 8 हजार 86 करोड़ बिना दावे की राशि है। इसके अलावा पीएनबी में 5 हजार 340 करोड़, केनरा बैंक में 4 हजार 558 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3 हजार 904 करोड़ रुपए बिना दावे के हैं।
पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया – पोर्टल के साथ शुरुआत करना एक सीधी प्रक्रिया है। लावारिस जमाओं को पंजीकृत करने और उनकी खोज शुरू करने के लिए यह करना होगा। – यूडीजीएम पोर्टल पर मोबाइल नंबर, नाम, पासवर्ड और दिया गया कैप्चा भरें। फॉर्म के बाद विवरण सबमिट करें।
– पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा। आगे बढ़ने के लिए ओटीपी को दर्ज करें। – उद्गम खाते में लॉगइन करने के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर और पासवर्ड का उपयोग करें।- एक बार जब लॉगिन विवरण दर्ज कर लेंगे तो अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एक और ओटीपी दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।
– एक पेज पर खाताधारक का नाम और बैंक का नाम दर्ज करना होगा। इसके अतिरिक्त, पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, पासपोर्ट नंबर या जन्मतिथि जैसे विकल्पों में से एक खोज मानदंड चुनें।
– जमा विवरण को फिर प्राप्त करने और प्रदर्शित करने के लिए सिस्टम को ट्रिगर करने के लिए खोज बटन पर क्लिक करना होगा।