विश्वराज सिंह ने बाद में बयान दिया कि वे शहर में शांति भंग नहीं करना चाहते, इसलिए उन्होंने बुधवार को एकलिंगजी मंदिर में दर्शन करने का निर्णय लिया। हालांकि, चूंकि यह मंदिर भी ट्रस्ट के नियंत्रण में है, वहां भी विवाद की संभावना बनी हुई है। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर शहर के घंटाघर और सूरजपोल थाना क्षेत्र में धारा 163 (पुरानी धारा 144) लगा दी है।
सोमवार को चित्तौड़ में राजतिलक दस्तूर के बाद जब विवाद बढ़ा तो प्रशासन ने देर रात सिटी पैलेस स्थित धूणी और जनाना महल जाने के रास्ते को सील कर दिया था। मंगलवार को पुलिस ने सिटी पैलेस के बाहर भारी तैनाती की थी और जगदीश चौक से पैलेस तक रास्ते बंद कर दिए थे। कर्फ्यू जैसे हालात बने थे और दुकानों को भी बंद कर दिया गया था, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ।
इस घटनाक्रम पर मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात की और एकलिंगजी मंदिर में दर्शन की अनुमति की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो समाज में आक्रोश बढ़ सकता है। इस बीच, बाप पार्टी से सांसद राजकुमार रोत ने आरोप लगाया कि राजपरिवार के कार्यक्रम में भील समुदाय की उपेक्षा की गई और इस घटनाक्रम की निंदा की।