अंदरुनी शहर को नो व्हीकल जोन करने का यह प्लान पिछले 15 सालों से चल रहा है। इसके तहत 2 किमी के मार्ग तक वाहनों का प्रवेश पूर्णत: निषेध करने का प्लान था। इसमें सिर्फ स्थानीय लोगों के वाहनों को ही प्रवेश का प्लान था, लेकिन यह प्लान अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाया है। इस प्लान में अंदरुनी शहर में वाहनोंं के प्रवेश पर रोक के साथ ही ई.रिक्शे चलाए जाने थे, ताकि पर्यटक एक से दूसरे स्थान तक आसानी से आ- जा सके। पैदल घूमने के दौरान लोग बाजार व पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर जाने के साथ ही बाजार से खरीदारी कर सके, लेकिन प्रशासन इस काम में पूरी तरह विफल रहा।
ई-रिक्शा करवाए गए थे तैयार
रंगनिवास से चांदपोल नो व्हीकल जोन के लिए निगम ने ई.रिक्शे तैयार किए थे। दोनों छोर पर पार्किंग की व्यवस्था की गई, लेकिन स्थानीय लोग रजामंद नहीं हुए। कई बार समझाइश का दौर भी चला लेकिन हर बार समस्त प्रयास विफल रहे। अभी फिर पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के निर्देश पर शहर विधायक ताराचंद जैन, जिला प्रशासन, नगर निगम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।
नो व्हीकल जोन की जरुरत इसलिए
– क्षेत्र में पर्यटकों की सर्वाधिक आवाजाही – वाहनों का दबाव ज्यादा होने से जाम की समस्या – पर्यटक पैदल घूमते हुए खरीदारी कर सके – पुराने शहर में पार्किंग का अभाव – पर्यटकों की आवाजाही से देर रात तक खुले रहेंगे बाजार