विराट ऑपरेशन के पेपर पर साइन करता है । इसके बाद डॉक्टर उसे बताते हैं कि सई के बचने के चांसेस 50-50 हैं। विराट परेशान हो जाता है। और वह इस सब के लिए अपने आप को दोषी मानता है । सई के दोस्त विराट को सई से नहीं मिलने देते हैं।
अश्विनी आई विराट को समझती हैं।
अश्विनी आई विराट से कहती है कि आगे से तुम दोनों जितनी लड़ाई करो चाहे कुछ भी करो पर कभी सई को अपने से अलग मत करना। क्योंकि जब जब ऐसा हुआ है कुछ बहुत बड़ी अनहोनी हुई है । एक बार तुम्हें गोली लगी थी दूसरी बार सई का एक्सीडेंट हुआ था। और आज फिर सई का एक्सीडेंट हो गया । इसलिए कभी भी तुम दोनों अलग मत होना। बस बप्पा से प्रार्थना करो कि सई जल्द ठीक हो जाए।
हॉस्पिटल में पत्रलेखा विराट को सांत्वना दे रही होती है । इतने में सम्राट वहां आ जाता है और वह उन दोनों को देख लेता है । सम्राट कहता है कि तुम दोनों का अच्छा है कभी विराट तुम्हें हाथ पकड़ कर सांत्वना देता है । कभी तुम इसे हाथ पकड़ कर सांत्वना देती हो।