scriptबीसलपुर बांध की राह में 12 किलोमीटर में 550 गड्ढे | Potholes on the road in the way of Bisalpur Dam | Patrika News
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बीसलपुर बांध की राह में 12 किलोमीटर में 550 गड्ढे

अजमेर संभाग के सबसे बड़े बीसलपुर बांध स्थल तक पहुंचने के लिए महज 12 किलोमीटर लम्बे सडक़ मार्ग पर पहुंचने के लिए पर्यटकोंं व श्रद्धालुओं को 550 से अधिक गड्ढों को पार कर एक घंटे से अधिक का समय नष्ट करना पड़ रहा है।

टोंकAug 20, 2021 / 07:43 am

pawan sharma

बीसलपुर बांध की राह में 12 किलोमीटर में 550 गड्ढे

बीसलपुर बांध की राह में 12 किलोमीटर में 550 गड्ढे

राजमहल. अजमेर संभाग के सबसे बड़े बीसलपुर बांध स्थल तक पहुंचने के लिए पर्यटकों व श्रद्धालुओं को हर वर्ष हादसों के साथ ही जोखिम भरा सफर पार कर बीसलपुर बांध व गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचना पड़ रहा है। हर वर्ष लाखों की संख्या में पहुंचते श्रद्धालुओं के साथ ही होते दर्जनों हादसों के बाद भी प्रशासन हादसों की रोकथाम को लेकर सतर्क नजर नहीं आता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 स्थित अम्बापुरा पुनर्वास कॉलोनी से बीसलपुर चौराहे तक महज 12 किलोमीटर लम्बे सडक़ मार्ग पर पहुंचने के लिए पर्यटकोंं व श्रद्धालुओं को 550 से अधिक गड्ढों को पार कर एक घंटे से अधिक का समय नष्ट करना पड़ रहा है।
इसी प्रकार उक्त सडक़ मार्ग पर पडऩे वाले वाली अम्बापुरा कॉलोनी में करीब 200 मीटर दूरी तक, गांवड़ी गांव में लगभग 250 मीटर व रूपारेल गांव में करीब 100 मीटर की दूरी पर सडक़ मार्ग उखडऩे से डामर का नामोनिशान तक नहीं रहा है। उक्त मार्ग पर उखड़ी सडक़ की जगहों पर घाव पर मरहम लगाने के तौर पर डाली गई ग्रेवल में पत्थरों की मात्रा ने वाहन चालकों व राहगिरों की समस्या को ओर अधिक बड़ा दिया है।

चार जिलों से पहुंचते पर्यटक-
बीसलपुर बांध स्थल सहित गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर के साथ ही पवित्र दह में स्नान के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते है, जिसमें जयपुर को छोडकऱ अजमेर, कोटा, बूंदी,भीलवाड़ा जिलों के साथ ही देवली उपखण्ड के गांव व कस्बों से बांध तक पहुंचने के लिए एक मात्र यहीं सडक़ मार्ग मुख्य है।
यहां बारिश के दौरान उक्त सडक़ मार्ग पर वाहनों की कतार लगी रहती है। वहीं बीसलपुर में कार्तिक पूर्णिमा व बैसाखी पूर्णिमा को लगने वाले मेले के साथ-साथ हर माह की प्रत्येक अमावस्या, पूर्णिमा, सोमवार, चौदस,ग्यारस वश्रावण व भादवे में पूरे महिने श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।

दो हजार से दो लाख तक पहुंचती संख्या-
बीसलपुर में बारिश के दौरान पहाड़ी क्षेत्र में गिरते झरनों, छाई हरियाली व बांध को निहारने के साथ-साथ दह के पानी में नौकायन का लुत्फ उठाने के साथ ही श्रावण मास में जलाभिषेक व हवन के लिए यहां रोजाना ही भीड़ रहती है, लेकिन रविवार व सोमवार को काफी भीड़ उमड़ती है।
यह संख्या रोजाना दो से तीन हजार को पार कर जाती है। इसी प्रकार अगर बांध का जलभराव पूर्ण होने पर बांध के गेट खोल दिए जाते है तो यह संख्या रोजाना एक लाख से दो लाख तक पहुंच जाती है।

इनका कहना है-
क्षतिग्रस्त सडक़ मार्ग की देखरेख की जिम्मेदारी सार्वजनिक निर्माण विभाग की है। बनास मार्ग बंद होने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुख्य मार्ग से आवागमन चालु कर दिया जाता है।
वीएस सागर अधिक्षण अभियंता बीसलपुर बांध परियोजना देवली।
इनका कहना है-
बांध स्थल तक पहुंचने वाला मार्ग गड्ढ़ों में तब्दील है। इसी प्रकार बीसलपुर पुलिस चौकी क्षेत्र में बीसलपुर बांध के साथ ही गांवड़ी पंचायत के अम्बापुरा कॉलोनी तक का इलाका आता है। ऐसे में बांध के साथ ही क्षतिग्रस्त मार्ग पर होती दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी भी पुलिस को सम्भालनी होती है। बद्री लाल यादव पुलिस चौकी प्रभारी बीसलपुर।

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