इस दौरान श्रद्धालुओं एवं बालक-बालिकाओं ने भगवान का अभिषेक व शांतिधारा कर आराधना की। इसके बाद देव शास्त्र गुरु, नित्य प्रति पाठ पूजा, सरस्वती पूजा, आचार्य विधासागर पूजा, शांतिनाथ पूजा के साथ भगवान मल्लिनाथ की पूजा अर्चना भक्ति भाव से की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा भगवान मल्लिनाथ के निर्वाण लड्डू चढाकऱ निर्वाणकाण्ड के साथ पूजा
अर्चना की।
उन्होंने बताया कि क्षुल्लक नयसागर के निर्देशन मे 52 वां सर्वोदय संस्कार शिक्षण शिविर में गुरुवार को बालक बालिकाओं को बालबोध जिनागम प्रवेश का अध्ययन करवाया गया, जिसमें शुक्रवार को शिविरार्थियों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर क्षुल्लक नयसागर ने गुरुवार को धर्म सभा में कहा कि उद्वात भावनाएं अहिंसा धर्म का मूल प्राण हैं, क्योंकि किसी के भी प्रति अशुभ भावनाएं सबसे बड़ी हिंसा है। उन्होंने कहा कि अहिंसा में सभी व्रत, संयम ,तप , ज्ञान सभी समाहित हो जाते हैं। जौंला ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान के तहत आनन्द यात्रा एवं गुरुभक्ति का आयोजन किया गया।
पूर्णाहुति में उमड़े श्रद्धालु
आवां .कस्बा क्षेत्र के सरदारपुरा ग्राम में गुरुवार को ग्रामीणों ने देवनारायण मंदिर परिसर में पूर्णाहुति कार्यक्रम का आयोजन किया। ग्राम आचार्य नारायण चतुर्वेदी ने बताया ग्रामीण हर महीने देवनारायण भगवान के रात्रि जागरण का आयोजन करते थे। एक वर्ष पूर्ण होने पर ग्रामीणों ने बुधवार को देवनारायण मंदिर से गाजे-बाजे के साथ में पूरे गांव में कलश यात्रा निकाली और गुरुवार को विश्व शांति के लिए पूर्णाहुति का आयोजन किया। ग्रामीण विश्व मंगल की कामना को लेकर हवनकुंड में आहुतियां दी। इस अवसर पर देवनारायण भगवान के मंदिर को फूलों से सजाया गया। कार्यक्रम में सरदारपुरा और आसपास के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर
हिस्सा लिया।