दो बार से हार रही थी भाजपा
भाजपा इस सीट पर दो विधानसभा चुनाव हार चुकी थी। वर्ष 2018 और 23 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश मीना विधायक चुने गए थे। दुबारा विधायक बनने पर मीना को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में टिकट दे दिया और वह सांसद भी बन गए। विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर
उपचुनाव कराए गए। यह उपचुनाव भाजपा के लिए संजीवनी साबित हुए और उसकी जीत दर्ज हो सकी। वहीं, हरीश मीना की साख को इस हार से धक्का पहुंचा है।
समरावता के बूथ पर निर्दलीय नरेश मीना को सबसे ज्यादा और कांग्रेस को सबसे कम वोट मिले है। गत 13 नवंबर को समरावता में मतदान के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। बाद में रात को धरने पर बैठे हुए नरेश मीना और उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प ने बड़ा रूप ले लिया और गांव में पथराव, आगजनी तक हो गई। अगले दिन नरेश मीना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और फिर अदालत ने उसे जेल भेज दिया था।