जबकि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बनास नदी और चूली पर आ रहे पानी को लेकर अलर्ट के लिए बोर्ड लगा रखे हैं। इसके बावजूद लोग आने-जाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
जबकि शुक्रवार रात ही टोंक क्षेत्र में 90 एमएम बरसात दर्ज की गई है। ऐसे में फिर से पानी लबालब आ गया है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे पानी की आवक से दूर रहे, लेकिन चूली समेत कई स्थानों पर लोग पानी के बीच से गुजरना नहीं चूक रहे हैं।
ऐसे में बड़ा हादसा होने की सम्भावना है। दूसरी ओर से लोगों के आवागमन को रोकने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से गहलोद स्थित बनास नदी के रपट पर लगाए गए चेनल, हुक और नाले तक लोग खोलकर ले गए।
इसकी शिकायत सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता पी. वी. उपाध्याय ने अतिरिक्त जिला कलक्टर मुरारीलाल शर्मा को दी है। ताकि दोनों स्थानों पर पुलिस जाप्ता लगाकर लोगों को पानी के बीच से गुजरने से रोका जा सके।
गम्भीर हादसों से भी नहीं ले रहे हैं सबक
जिले में पानी में डूबने से गम्भीर हादसे हो चुके हैं। आधा दर्जन से अधिक की मौत हो चुकी है। दर्जनों मवेशी अकाल मौत का ग्रास बन चुके हैं। इसके बावजूद लोग पानी की आवक के बीच से गुजरने से बाज नहीं आ रहे हैं।
मुश्किल में जान, घर में हो गए कैद
गत दिनों लगातार हुई बरसात से शहर की कई कॉलोनियों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में मकान आ रही सीलन और नींव में पानी जाने से उन्हें मकान दरकने का खतरा बना हुआ है। कई मकान तो ऐसे में हैं, जिनके आने-जाने के लिए रास्ता तक नहीं है। ऐसे में उनके बच्चे व बुजुर्ग घरों में कैद हो गए हैं।
परिवार के अन्य लोगों को पानी के बीच से गुजरना पड़ रहा है। शहर के समीप वजीरपुरा में तो करीब 3 फीट पानी है। ऐसे में बच्चे व बुर्जुग तो घर पर ही रहने को मजबूर है। वहीं युवाओं को शहर आने-जाने के लिए पानी के बीच से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे ही हालात खारवाल बस्ती, कैलाशपुरी, पीली तलाई समेत हाइवे किनारे की करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हैं।