डैमेज-कंट्रोल में जुटी पार्टी
इधर, नरेश मीना के बगावत करने के बाद पार्टी के नेता चिंता में है और वे अब नरेश को नामांकन वापस लेकर डैमेज-कंट्रोल करने में जुटे है। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नरेश मीना के चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि टिकट वितरण के बाद वे पीसीसी आए थे। वॉर रूम में हमने एक घंटे चर्चा की। तब उनका चुनाव लड़ने का नहीं था, पर पता नहीं क्यों अचनाक ऐसा फैसला लिया, बैठकर बात करेंगे। हालांकि अभी नामांकन वापस लेने की तारीख 30 अक्टूबर है। भाटी, बेनीवाल और रोत को दिया निमंत्रण
नरेश मीना ने नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, सांसद हनुमान बेनीवाल, सांसद चंद्रशेखर आजाद और सांसद राजकुमार रोत से एक मंच पर आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ये सभी मेरे साथ आते है तो दुनिया की कोई ताकत नहीं हरा सकती है। साथ ही नरेश मीना ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट लगातार वायरल हो रहा है। जिसमें नरेश मीना आगे व चारों को बैक सपोर्ट के रूप में दिखाया है। अगर ये सभी नेता एक मंच पर आते है तो राजस्थान की राजनीति में अगर अध्याय लिखा जाएगा।
बेनीवाल ने दिया समर्थन
नरेश मीना नामांकन भरने के बाद हनुमान बेनीवाल के घर पहुंचकर समर्थन मांगा। जिसके बाद बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नरेश मीना को समर्थन दिया। उन्होंने इस वीडियो में कहा कि मैं नरेश मीना के लिए वोट मांगने देवली-उनियारा आउंगा। साथ में मेरे मित्र नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ और छोटे भाई बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत को साथ लाने का दावा किया है। वहीं , रविंद्र सिंह भाटी ने अभी तक इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।
समर्थकों के साथ निकाली रैली
नरेश मीना ने समर्थकों के साथ रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए नामांकन भरने पहुंचे। मीना के पहुंचने के बाद सहायक निर्वाचन अधिकारी के कमरे के बाहर पुलिस से धक्कामुक्की भी हो गई। बाद में मामला शांत हुआ और मीना ने नामांकन पत्र दाखिल किया। नरेश ने कहा कि उन्होंने इस सीट से टिकट मांगा था लेकिन ने सांसद ने तो भाजपा का प्रचार करने वाले को ही टिकट दिलवा दिया।