राधिका बंसल ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि वर्ष 2022 में हनुमानगढ़ टाउन के एनएम लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद घर पर रहकर ही अध्ययन किया। साथ ही ऑनलाइन क्लासेज ली। पहले ही प्रयास में आरजेएस में चयनित हो गई। राधिका ने महिला शिक्षा को लेकर कहा कि सबको पढऩे व आगे बढऩे का मौका मिलना चाहिए। परिवार, समाज व देश की समृद्धि के लिए कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि माता-पिता के आशीर्वाद व कड़ी मेहनत से यह सफलता मिली है। न्यायिक अधिकारी बनने के लिए प्रोत्साहित करने में चाचा रतनलाल बंसल का बहुत योगदान है। उन्होंने सदा हौसला अफजाई कर आगे बढऩे को प्रेरित किया।
परिवार की पहली जज
राधिका के परिवार में उनसे पहले तक कोई अधिवक्ता नहीं था। वह परिवार की पहली लॉ ग्रेज्यूट बनी। इसके बाद अब परिवार की पहली जज भी बन गई हैं। उनके पिता पुरुषोत्तमदास बंसल ईंट भट्टा संचालक हैं तथा माता सरोज देवी गृहिणी हैं। उसके तीन भाई हैं जिनमें से बड़े भाई मुकेश बंसल पिता के साथ व्यापार संभालते हैं। जबकि शेष दो भाइयों में से गौरव बंसल सीए हैं तथा छोटा भाई गोपाल बंसल इंजीनियरिंग कर रहे हैं।
यहीं शिक्षा, यहीं तैयारी
लॉ ग्रेज्यूट होने के बाद प्रथम प्रयास में ही मेधावी राधिका का चयन इसी साल जूनियर लीगल ऑफिसर (जेएलओ) परीक्षा में हो गया था। वे वर्तमान में बीकानेर नगर निगम में बतौर जेएलओ कार्यरत हैं। राधिका ने बताया कि उनकी स्कूलिंग से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा हनुमानगढ़ में ही हुई। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी हनुमानगढ़ में की। यदि विद्यार्थी ईमानदारी से संकल्पित होकर प्रयास करे तो कहीं भी पढकऱ सफलता हासिल कर सकता है। आजकल सहयोग के लिए ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा तो है ही।
कुकिंग का शौक
राधिका ने बताया कि परिवार के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। पढ़ाई से जब भी समय मिल जाता है तो अपना शौक पूरा करती हूं जो शिल्प दस्तकारी व कुकिंग करना है। फिल्म वगैरह देखने का कभी कोई शौक नहीं रहा।