पवन कल्याम के जन्मदिन के मौके पर आज हम आपको उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। बेहद ही कम लोग जानते हैं कि आन्ध्र प्रदेश के बपतला में जन्में पवन कल्याण का असली नाम कोन्निडेला कल्याण बाबू है। हालांकि, फैंस उनको पवन कल्याण के नाम से ही जानती है और पसंद करती है। उनको साउथ सिनेमा का पावर स्टार माना जाता है। वो अपने एक्शन के लिए फैंस के बीच काफी पसंद किए जाते हैं। वो एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ-साथ एक मशहूर राजनीतिक भी रह चुके हैं। हालांकि, उनका रजानीति करियर कुछ खास नहीं रहा।
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पवन सिंह की नहीं चली दो शादियां
पवन कल्याण ने साल 1997 में तेलुगु फिल्म ‘गोकुलामलो सीता’ से इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया। फैंस के बीच एक्टर का जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता हैं। पवन कल्याण एक दामदार एक्टर, राजनीतिक होने के साथ-साथ एक अच्छे निर्देशक, गायक और स्क्रीन राइटर भी हैं। इसके अलावा पवन कल्याण अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। बताया जाता है कि पवन कल्याण ने अपने जीवन के 16 सालों में 3 शादियां की। पवन की पहली शादी साल 1997 में नंदिनी से हुई थी। दोनों की शादी ज्यादा समय तक चल नहीं पाई।
तीसरी शादी के साथ अच्छे हैं रिश्तें
बताया जाता है कि दोनों के बीच काफी अनबन रहा करती थी, जिसके बाद दोनों ने ये रिश्ता तोड़ दिया और साल 1999 में दोनों ने तलाक ले लिया था। इसके बाद पवन ने दूसरी शादी रेनू देसाई से की। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और फिर शादी कर ली। हालांकि, इन दोनों की शादी भी कुछ खास अच्छी नहीं चल पाई। दोनों के दो बच्चे भी हैं, जिनमें बेटा अकीरा और बेटी आध्या है। शादी के तीन साल बाद इन दोनों का भी तलाक हो गया। इसके बाद एक्टर ने तीसरी शादी एक विदेश महिला अन्ना लेजनेवा से की। दोनों की मुलाकात साल 2011 में हुई थी, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली और उसी साल दोनों की बेटी हुई, जिसका नाम मार्क शंकर पवनोविच है।
एक्टर का राजनीतिक करियर
इसके अलावा पवन कल्याण अपने राजनीति करियर को लेकर भी सुर्खियों बटोरते रहते हैं। पवन कल्याण ने भी अपने बड़े भाई चिरंजीवी की तरह राजनीति की दुनिया में कदम रखा और साल 2008 में वो पार्टी प्रजा राज्यम में शामिल हो गए। हालांकि, कुछ सालों बाद पवन ने अपनी पार्टी जन सेना बनाई थी, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया था। बाद में पवन ने आंध्र प्रदेश को खास राज्य का दर्जा देने को लेकर बीजेपी के साथ पार्टी के सभी रिश्तों को खत्म कर दिया। बता दें कि पवन कल्याण आज भी जरुरी मुद्दों को उठाते हैं और राजनीतिक मंच पर सक्रिय रहते हैं।