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टीकमगढ़

सुविधाएं होने के बाद भी ७० फीसदी स्कूलों में नहीं है बिजली

टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों में गर्मी के बचाव के लिए बिजली नहीं है और ना ही छात्रों को प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था। जबकि शासन द्वारा प्रत्येक स्कूल में बिजली कनेक्शन और जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन के साथ पानी की टंकियां और हैंडपंप के लिए बौर खनन किए गए है।

टीकमगढ़Mar 29, 2024 / 07:13 pm

akhilesh lodhi

 There is a problem of drinking water in 50 percent of the schools, there will be more problems in the summer season.

There is a problem of drinking water in 50 percent of the schools, there will be more problems in the summer season.


टीकमगढ़. टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों में गर्मी के बचाव के लिए बिजली नहीं है और ना ही छात्रों को प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था। जबकि शासन द्वारा प्रत्येक स्कूल में बिजली कनेक्शन और जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन के साथ पानी की टंकियां और हैंडपंप के लिए बौर खनन किए गए है। उसके बाद भी ७० फीसदी स्कूलों में बिजली और ५० फीसदी स्कूलों में पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। अप्रेल से नया शैक्षणिक सत्र अप्रेल से शुरू होने जा रहा है। इसके साथ स्कूल चले हम अभियान की शुरुआत होगी। उसमें आने वाले लोगों को छात्रों के लिए बाल्टियों से पानी लाना पड़ेगा।
टीकमगढ़ में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल १६४५ और निवाड़ी में ६२० स्कूल है। इन सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल देने का भले ही सरकार लाख दावा कर रही हो। लेकिन हकीकत में जिले के 70 फ ीसदी सरकारी स्कूलों में बिजली नहीं ह, जिससे उनमें बिजली के बल्ब और पंखे नहीं चल रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चे अंधेरे और गरमी के बीच पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके अलावा ५० प्रतिशत स्कूलों में पानी नहीं है। जिसके कारण छात्रों और शिक्षकों को पेयजल की व्यवस्था गांव के हैंडपंप और कुओं से पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी। शासन द्वारा जिला प्रशासन को स्कूलों में विभिन्न योजनाओं का दिया गया, लेकिन उनके मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
३९ और ४० फीसदी तापमान
वर्तमान में तापमान का पारा ३९ से 40 डिग्री पहुंच रहा है। इस गर्मी से जनजीवन झुलसने लगा है। ऐसे में अप्रेल में नए सत्र के दौरान विशेषकर ग्रामीण अंचल के छात्रों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण जिले के स्कूलों में बिजली का अभाव है। वहीं स्कूलों में पेयजल तक की सुविधा नहीं है।

प्रत्येक विद्यालयों में यह हुई थी व्यवस्था
टीकमगढ़ के १६४५ प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और निवाड़ी के ६२० प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शासन द्वारा पेयजल योजना के तहत पानी की टंकी, बोर खनन, हैंडपंप खनन और पाइप लाइन को बिछवाया गया था। विभाग अनुसार दोनों जिलों के ५० विद्यालयों में पेयजल सुविधाएं नहीं है।
जल जीवव मिशन के तहत पहुंची पाइप लाइन, बनी शो पीस
जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में जल जीवन मिशन के तहत बोर खनन करके लोहे की पाइप लाइन बिछाई गई। स्कूल भवन के ऊपर पानी की टंकी रखी गई है, लेकिन वह आज शो पीस बनी है।
फैक्ट फाइल
७० फीसदी दोनों जिलों के स्कूलों में नहीं पहुंची बिजली
५० फीसदी दोनों जिलों के स्कूलों में नहीं है पेयजल सुविधा
१६४५- टीकमगढ़ जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय
१२११- जिले में प्राथमिक विद्यालय
४३४- जिले माध्यमिक विद्यालय
६२०- निवाड़ी जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय
४६४- जिले में प्राथमिक विद्यालय
१६६- जिले माध्यमिक विद्यालय
इनका कहना
गर्मी का सीजन शुरू हो गया है। दोनों जिलों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में ५० फीसदी पानी नहीं है। गर्मी के सीजन में और अधिक परेशानियां सामने आएगी। वहीं ७० फीसदी बिजली की व्यवस्था नहीं है। ऐसे स्कूलों में बिजली और पेयजल व्यवस्था बनाने का कार्य जल्द ही किया जाएगा।
राजेंद्र समाधिया, सहायक उपयंत्री, सर्व शिक्षा अभियान टीकमगढ़/ निवाड़ी।

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