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टीकमगढ़

प्रदेश की पहली नदी तालाब जोड़ो परियोजना तोड़ रही दम

जुलाई से अब तक नहर का नहीं हुआ सुधार

टीकमगढ़Dec 16, 2024 / 11:05 am

akhilesh lodhi

जुलाई से अब तक नहर का नहीं हुआ सुधार

जुलाई से अब तक नहर का नहीं हुआ सुधार

मोहनगढ़ के फुटेरा के पास जुलाई में टूट गई थी नहर, मोहनगढ़, कुम्हैड़ी, अचर्रा और वृषभानपुरा नहीं पहुंचा पानी

टीकमगढ़. प्रदेश की पहली नदी तालाब जोड़ो परियोजना दम तोड़ती दिखाई दे रही है। जुलाई में बारिश से टूटी नहर का पानी मोहनगढ़, कुम्हैड़ी, अचर्रा और वृषभानपुरा तालाब तक नहीं पहुंच पाया है। फुटेरा के पास टूटी नहर से जलऊ और पैला नाला से जामनी नदी में पानी पहुंच रहा है। जबकि यह हरपुरा नहर जामनी नदी से ११ तालाबों को भरती हुई मोहनगढ़ अचर्रा तक पहुंच रही है। लेकिन जल संसाधन विभाग की उदासीनता के चलते किसानों को शुरू से लेकर आज तक नहर और विभाग के अधिकारी परेशान करते आ रहे है। जिसका उदाहरण आज भी देखने को मिल रहा है।
बुंदेलखंड के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध कराने का दावा करने वाली सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है। बुंदेलखंड पैकेज में हरपुरा सिंचाई और नदी तालाब जोड़ो परियोजना तैयार हो गई है और हरपुरा में जामनी नदी पर बांध बनाया गया है। इसका बांध तो सही तरीके से बनाया गया, लेकिन नहर में कई प्रकार की कमियंा है। जो वर्ष २०१२ से आज तक किसानों को सुख नहीं मिल पाया है। कई स्थानों से दर्जनों बार टूट चुकी है, जबकि उसके सुधार के लिए करोड़ों रुपए के पैकेज जारी किए गए है। उसके बाद भी जिम्मेदार विभाग जिम्मेदारी से दूरियां बनाए हुए है।
यह है नहर की स्थिति
मोहनगढ़ क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि रज्जू जैन, अभिषेक अवस्थी, सरपंच कवेट, कल्लू अवस्थी, रोहित झां, गुलाबपुरा के मानसिंह यादव, कल्लू रैकवार ने बताया कि जनवरी में मझगुवां गांव के पास नहर का पुल टूट गया था। जुलाई में बौरी, दरगांव कलां और शंकरगढ़ के फुटेरा के पास नहर टूट गई थी। विभाग के ठेकेदार ने बौरी और मझगुवां पुल का निर्माण कर दिया है। फुटेरा के पास की नहर आज भी टूटी है। जिससे नदी का नदी तालाब जोड़ो अभियान का पानी जलऊ नाला से जामनी नदी में पहुंच रहा है। जिसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
मोहनगढ़ तक सूखे की चपेट में था क्षेत्र, सरकार नदी तालाब जोड़ो निकाली थी योजना
सूखे के चलते जिले में खेती की आर्थिक स्थिति पर लगातार विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। इसकी को लेकर राज्य सरकार ने देश की पहली नदी तालाब जोड़ो परियोजना प्रस्तावित की थी। इसमें वर्षा काल के पानी को नदी में रोक कर नहर द्वारा तालाबों में भरा जाना था। यह पानी किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाना था। इसका सर्वे 2010 में सर्वेक्षण अनुसंधान संभाग टीकमगढ़ द्वारा जामनी नदी पर बनने वाले हरपुरा बांध से नहर निकालकर तालाबों को भरकर 22.90 एमसीएम पानी का उपयोग करने 1980 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई के लिए 41 करोड़ 33 लाख रुपए की कार्य योजना बनाई गई थी।
इन तालाबों को भरने बनाई थी योजना
तालाबों को नया जीवन देने के लिए हनुमान सागर, जगत नगर का फेस एक और फेस दो, गोर गांव के दो, दरगांय खुर्द और दरगाय कलां, मोहनगढ़, मुम्हैड़ी, अर्चरा, वृषभानपुरा तालाब शामिल है। जामनी नदी में उपलब्ध बारहमासी जल प्रवाह से इन सभी तालाबों में पूरे वर्ष पूर्ण जलाशय स्तर तक पानी उपलब्ध रहने का प्लान तैयार किया गया था। लेकिन इस बार मोहनगढ़, कुम्हैडी, अचर्रा, वृषभानपुरा के साथ लक्ष्मीतालाब में पानी नहीं पहुंच पाया है।
इनका कहना
यह नहर वन विभाग के क्षेत्र में टूटी है। उसको सुधारने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी है। डीएफओ को पत्र भी भेजा है। अनुमति मिलते ही जल्द ही नहर को सही करा दिया जाएगा। फिर छूटे तालाबों में पानी पहुंच जाएगा।
दीपेंद्र सिंह कुशवाह, ईई जलसंसाधन विभाग टीकमगढ़।

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