तालाब को बचाने के लिए हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका के बाद शनिवार को राजस्व विभाग की टीम ने पूरे तालाब की नाप की। 6 घंटे मशीनों की सहायता की गई इस नाप के बाद तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले सभी लोगों के नाम सामने आ गए हैं। इसमें साफ हुआ है कि कुल 31 लोगों ने तालाब की कुल 7.17 हैक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसमें अधिकांश लोग बागड़ लगाकर खेती कर रहे हैं तो कुछ लोगों ने अवैध तरीके से पक्के मकान भी बनाए हुए हैं। सभी कब्जे तालाब के बाजू से निकले बायपास के दूसरी ओर किए गए हैं। यह भी साफ हो रहा है कि बायपास भी गलत तरीके से डाला गया है।
तालाब के बीच में बन रहा पार्क इस सर्वे के बाद सबसे बड़े अतिक्रमणकारी के रूप में नगर पालिका सामने आई है। नगर पालिका द्वारा यहां पर 1.500 हैक्टेयर जमीन पर कब्जा कर पार्क निर्माण किया जा रहा है। सर्वे में राजस्व अमले ने इस जमीन पर बाउंड्री बनाकर कब्जा करने की बात लिखी है। तालाब के बीच में बनाए जा रहे पार्क और बायपास के बाजू से निर्मित किए जा रहे वॉङ्क्षकग स्ट्रीट की अनुमति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
इनका निकला कब्जा सर्वे में तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों में जयंती-पुष्पा कुशवाहा, विपिन-संजीव त्रिपाठी, सरमन लाल पुरोहित, नितिन पुरोहित, विद्यादेवी रैकवार, रामस्वरूप रैकवार, रामदास कुशवाहा, रामदास-कल्लू-घंसू-मुन्ना-हल्ले कुशवाहा, कमला शर्मा, मुन्ना विश्वकर्मा, रतीराम कुशवाहा, लखनलाल पाण्डेय, विजय तिवारी, बृजेश पाठक, भागवती कुशवाहा, कन्छेदी कुशवाहा, नगर पालिका, विद्यादेवी रैकवार, चंद्रकांत रैकवार, सूर्यकांत रैकवार, बालेंद्र रैकवार, नागेंद्र रैकवार, रमेश बाबू रैकवार, मनेश लल्लू रैकवार, हरप्रसाद रैकवार शामिल है। इसके साथ ही यहां पर कब्जा करने वालों में राजश्री यादव, हरिहर यादव एवं हेमलता उपाध्याय के नाम शामिल हैं। इन तीनों के नाम पर राजस्व रिकार्ड में निजी स्वामित्व दर्ज बताया गया है।
13 दिन में हटाना होगा अतिक्रमण इस मामले में याचिका दायर करने वाले नितिन पुरोहित ने बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में कलेक्टर को एक माह के अंदर कार्रवाई करते हुए पूरी जांच करने एवं कब्जा हटाने के निर्देश दिए हैं। यदि एक माह में कब्जा नहीं हटाए जाते हैं तो हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मैं कंटेम्प्ट की कार्रवाई कर सकता हूं। नितिन का कहना था कि सर्वे के बाद सब कुछ साफ हो गया है। कुछ लोगों के नाम इस रकबा में कैसे दर्ज किए गए हैं। उनका कहना था कि यदि 13 दिन में यह अतिक्रमण नहीं हटता है तो वह कंटेम्प्ट की कार्रवाई करेंगे।