सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद नगर पालिका द्वारा शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन के पास भेजा गया था। यहां से सड़क सुरक्षा निधि से 2 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, लेकिन शासन द्वारा 1 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। नगर पालिका के उपयंत्री दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि इस बजट से नगर पालिका द्वारा शहर के सबसे व्यस्त अस्पताल चौराहे के साथ ही आंबेडकर चौराहा का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल चौराहे पर जगह की कमी से बड़े वाहनों को मुडऩे में परेशानी होती है। साथ ही यहां पर ट्रेफिक का दबाव भी सबसे ज्यादा है। ऐसे में इस चौराहे को बड़ा किया जाएगा। यहां पर अमर शहीद नारायणदास खरे की प्रतिमा के पीछे और जगह निकाल कर रोड़ को चौड़ा किया जाएगा, ताकि वाहनों को टर्न होने में सुविधा हो। साथ ही यहां पर ट्रेफिक सिग्नल लगाए जाएंगे और उससे यातायात को कंट्रोल किया जाएगा। इसके साथ ही आंबेडकर तिराहे को भी चौड़ाकर कर यहां से आवागमन सुविधायुक्त किया जाएगा। उन्होंने यहां पर भी तिराहे का विस्तार कर सड़क चौड़ी करने की बात कही है।
हटाया जाएगा ब्लॉक स्पॉट इसके साथ ही नारायणदास खरे स्टेडियम के आंबेडकर तिराहे लिए जाने वाले मार्ग पर पडऩे वाले ब्लॉक स्पॉट बन चुके मोड़ को दुरूस्त किया जाएगा। इसके लिए इसे और चौड़ा करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि यह मोड़ 90 डिग्री पर है। ऐसे में वाहनों के मुडऩे के साथ ही दुर्घटनाओं की संभावना रहती है। ऐसे में इस मोड़ को ठीक किया जाएगा। यहां भी सिग्नल की जरूरत
विदित हो कि शहर के अन्य हिस्सों में भी ट्रेफिक सिग्नल की जरूरत महसूस की जा रही है। इसमें झांसी हाइवे से मिलने वाली मंडी सड़क प्रमुख है। यहां पर मंडी रोड़ के एक ओर जहां बहुमंजिला इमारत है तो दूसरी ओर शहीद के पार्क के पास हमेशा होर्डिंग्स लगे रहते हैं और यह सड़क सीधी झांसी हाइवे से मिलती है। ऐसे में वाहनों के आने-जाने का पता नहीं चलता है। वहीं ङ्क्षसधी धर्मशाला के पास कोतवाली और लुकमान चौराहे से आने वाली सड़क सीधे सिविल लाइन रोड पर मिलती है, ऐसे में यहां पर भी वाहनों के आपस में टकराने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही जवाहर चौराहे पर भी ट्रेफिक सिग्नल की जरूरत महसूस की जा रही है।