सरकार के इस निर्णय से आमजन हो निराश है ही अब संत समाज ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस निर्णय का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। संत समाज ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देकर अपना निर्णय वापस लेने नही तो इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहने की बात कही है।
कुण्डेश्वर से अलग नही हो सकते सरकार: बुंदेलखण्ड पीठाधीश्वर एवं श्रीराम जन्म भूमि न्यास के लिए निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख पंच सीतारामदास ने वृंदावनधाम से मुख्यमंत्री के इस निर्णय का तीखा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि श्रीरामराजा सरकार, कुण्डेश्वर भगवान और धरजई सरकार से अलग नही हो सकते है। यह तीनों मिलकर जिले के त्रिदेव है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह ने यह बहुत बड़ा आध्यात्मिक अपराध किया है। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा। सीतारामदास ने कहा कि एक विधानसभा के लिए उन्होंने जिले की शेष चार विधानसभाओं का ध्यान नही किया है। वह निवाड़ी के साथ शेष चारों विधानसभाओं में हारेंगे। निर्मोही अखाड़ा इसका पूर्णत: विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने अपने इस निर्णय को वापस नही लिया तो निर्मोही अखाड़ा भोपाल में विधानसभा के बाहर सत्याग्रह करेगा। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से निवेदन करते है कि वह श्रीरामराजा सरकार को कुण्डेश्वर भगवान से अलग न करें। यह एक-दूसरे के बिना नही रह सकते है। क्यों कि भगवान शंकर भोले है अवश्य है, लेकिन उनके कोप को आप सहन नही कर पाएंगे। सीतरामदास ने कहा कि यदि सरकार अपने इस निर्णय को वापस नही लेती है, तो आंदोलन किया जाएगा।