२२ एकड़ क्षेत्र की सुंदरता के लिए पांच एकड़ में पार्क में निर्माण कराने की योजना बनी थी। उसका सर्वे कार्य किया गया था। उसमें विभिन्न प्रकार के दो हजार से अधिक पौधों का रोपण किया जाना था। पार्क को आधुनिक तरीके से तैयार करने की योजना बनाई थी। इस पार्क में जड़ी बूटी के पौधे शामिल थे।
शहर की सडक़ों पर घूमने वाले मवेशियों को रखने के लिए पांच एक ड़ में गोशाला बनाई जानी थी। लेकिन योजना अब अधर में पड़ी है। वहीं चारा उगाने के लिए जगह भी दी जानी थी। खाद बनाने के लिए प्लांट लगाया जाना था, लेकिन प्रयास नहीं होने से योजना पूर्ण नहीं हो पाई है। उसकी टेंडर प्रक्रिया होना बाकी था। इसके साथ ही आवास और गैराज बनाया जाना था।
जिला न्यायालय के पास भगत नगर रोड पर माधव स्मृति औषद्यीय उद्यान में वर्ष २००८ में जड़ी बूटी के पौधों का रोपण किया गया था। उसकी देखरेख नपा द्वारा की जा रही थी। कुछ सालों बाद उसके पौधे गायब हो गए। उसमें नपा का कबाड़ रखा जाने लगा। उस जगह को सुविधा युक्त बनाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से योजना सफल नहीं हो पाई है।
माधव स्मृति औषधीय उद्यान पार्क में २० करोड़ की लागत से पार्क, गोशाला, नपा कर्मचारियों के लिए आवास और वाहनों के गैराज बनाया जाना था। टेंडर प्रक्रिया के लिए फाइल को भोपाल स्वीकृति के लिए भेजा गया। कुछ कारणों के चलते नपा ध्यान नहीं दे पाई। जल्द ही मामले को आगे लाया जाएगा।
दीपक विश्वकर्मा, उपयंत्री नगरपालिका टीकमगढ़।