मलेरिया अधिकारी हरिमोहन रावत ने बताया कि डेंगू का प्रकोप बढऩे लगा है। इसमें घरेलू उपाय भी किए जा सकते है। क पूर, तुलसी, लहसून, नीम का तेल, नींबू और लौंग, कॉपी की तलछट, नीलगिरी तेल, पेपरमिंट तेल, लैवेंडर, रोजमेरी, सेव का सिरका, दाल चीनी, प्याज के साथ अन्य का उपयोग किया जा सकता है। उनका कहना था कि मादा मच्छर का ढंक होता है, मैल मच्छर का नहीं होता है।
नगर के ढोंगा रोड निवासी आलोक जैन ने बताया कि पूरे घर को जैक प्लांट बना दिया है। घर के पीछे, गैलरी, छत, ढालान,पट्टी, सडक़ किनारे खाली पड़ी जगह में कबाड से जुगाड का बगीचा बना दिया है। फल देने से लेकर फूल, अच्छी खुशबू और मच्छरों को भगाने वाले पौधे भी रोप दिए है। प्रतिदिन दो घंटे ३५ वर्ष से जैक प्लांट को दे रहा हूं। आज मेरा घर गार्डन बन गया है। प्राकृतिक तरीके से मच्छरों को भगाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का कार्य किया जा रहा रहा है।
तुलसी को हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसकी खुशबू मच्छरों को दूर करने में प्रभावी है। इसे घर के आंगन, खिडकियों पर लगाना फायदेमंद होता है।
पुदीना की तेज खुशबू मच्छरों को नापसंद होती है, पुदीने का पौधा आसानी से लगाया जा सकता है। इसकी पत्तियों का उपयोग खाने में भी किया जाता है।
लैवेंडर (पेपरमिंट के पौधे)का पौधा न केवल सुंदर होता है, बल्कि इसकी खुशबू भी मच्छरों को दूर रखती है। लैवेंडर (पिपरमेंट के पौधे) को गमले में भी लगाया जा सकता है।
मारिगोल्ड (गैंदा के पौधे) के फूलों में एक खास केमिकल होता है जो मच्छरों को दूर भगाता है। यह पौधा बहुत सुंदर होता है और इसे बगीचे में लगाना अच्छा होता है।
सिट्रोनेला की घास मच्छरों को दूर रखने के लिए बहुत प्रभावी होती है। इसका तेल कई मच्छररोधी उत्पादों में भी उपयोग किया जाता है। इसके बगीचे में लगाकर मच्छरों को दूर रखा जा सकता है।
३६०७२ घरों में किया गया लार्वा सर्वे
१२१७ घरों में पाया गया लार्वा
१२८५४३ कंटेनर का किया गया सर्वे
१३३४ कंटेनरों में पाया गया लार्वा
३०७ की गई डेंगू की जांचे
०९ पाए गए डेंगू
१३१४६० की गई मलेरिया की जांचें