पूरी संरचना आज भी सुरक्षित
पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम ने बताया, खुदाई में मंदिर और कमरे मिलने के बाद मशीनों से काम बंद कर दिया गया है। कुशल मजदूरों से मलबा हटाया जा रहा है। कमरे के अंदर और भी दरवाजे हैं। उन्हें खोलकर पूरी संरचना का पता किया जाएगा।
ऐसी थी स्थापत्य कला
- गर्मी से बचने के लिए बेसमेंट बनाए जाते थे।
- पानी को लेकर लोग जागरूक थे, इसलिए बावड़ी बनाते थे।
- हवा किसी भी दिशा से चले, इसलिए सावनभादौ पिलर जैसी व्यवस्थाएं बनाईं।