scriptबगैर पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम के बिना सडक़ों पर दौड़ रही 95 फीसदी से अधिक यात्री बसें | More than 95 percent of passenger buses are running on the roads without panic button and GPS system | Patrika News
टीकमगढ़

बगैर पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम के बिना सडक़ों पर दौड़ रही 95 फीसदी से अधिक यात्री बसें

बस के अंदर सीटों से अधिक यात्री नहीं है पैनिक बटन।

टीकमगढ़Sep 26, 2024 / 11:35 am

akhilesh lodhi

बस के अंदर सीटों से अधिक यात्री नहीं है पैनिक बटन।

बस के अंदर सीटों से अधिक यात्री नहीं है पैनिक बटन।

परिहवन अधिकारी नहीं होने से बस संचालकों की चल रही मनमानी

टीकमगढ़. जिले में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर परिवाहन विभाग के साथ जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। सडक़ों पर दौड़ रही रिबोल्ड टायर की यात्री बसें और रात्रि में झांसी रोड पर चलने वाली बसों की हालात देखने मिल जाएगी। बारिश और सामने के वाहनों की पढऩे वाली रौशनी बस ड्राइवर को चकाचौंध कर रही है। इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति में मद्द करने वाला पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम तक गायब है। जिस पर जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
टीकमगढ़ से अन्य जिला और प्रदेशों में जाने वाली यात्री बसें तीन सौ से अधिक है। जिसमें तीन दर्जन से अधिक नई यात्री बसें है। उनमें संभवत: पैनिक बटन के साथ अन्य यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सिस्टम लगे है। लेकिन पुरानी बसों के साथ अन्य बसों में पैनिक बटन, आपात कालीन खिडक़ी को तो छोड़ आरक्षक सीटें तक गायब है। जबकि उन बसों के आगे और साइड में मध्यप्रदेश परिवहन वाहन लिखा है। उनके द्वारा यात्रियों को सुविधाओं के नाम पर ठेगा दिखाया जा रहा है। जबकि किराया फुल सीट का लिया जा रहा है।
९५ फ ीसदी बसों में नहीं है पैनिक बटन , सर्वर से जुडा रहता है सिस्टम
जिले के पलेरा, जतारा, निवाड़ी, बड़ागांव धसान के साथ अन्य जिलों की ओर जाने वाली ९५ फीसदी बसों में पैनिक बटन नहीं है। अधिकांश बस चालक और परिचालकों को पता तक नहीं है कि पैनिक बटन सिस्टम क्या है। जबकि उन्हें जीपीएस सिस्टम की जानकारी है। फिर भी सरपट दौड़ रही है। एक बुजुर्ग वाहन चालक ने बताया कि पैनिक बटन यात्रियों की सुरक्षा करने वाला सिस्टम है और सर्वर से जुडा रहता है। जिसकी घटना दुर्घटना संबंधित विभाग के पास पहुंचती है।
वर्ष २०१९ में जारी हुए आदेश
बसों में महिला सुरक्षा को लेकर रोडवेज और निजी बसों के साथ यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम लगाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन नई बसों को छोड़ पुरानी यात्री बसों में लगवाने का प्रयास नहीं किया गया। जबकि बगैर पैनिक बटन के परमिट जारी नहीं किया जाता है।
यह है पैनिट बटन की जानकारी
बस का संचालन करते समय कोई घटना घटित होती है या होने वाली है तो पैनिक बटन से संबंधित को संकेत मिल जाते है। जैसे पैनिट बटन को दबाने पर बस का सटीक स्थान निर्देशांक वाला अलर्ट संदेश नियंत्रण केंद्र को भेजा जाता है। उसके तीन सेकंड तक दबाया जा सकता है। यह बटन लगाने उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में तत्कान सहायता मिलना। यह बठन लगाने से महिलाओं को मद्द मिलती है। इसके बगैर परमिट नहीं मिलता है। यह सिस्टम सर्वर से जुड़ा रहता है। जिसमें पुलिस विभाग की नजर भी बनी रहती है।
इनका कहना
कुछ बसों में पैनिक बटन लगे है। बस ड्राइवर इतने शिक्षित नहीं है, इस कारण से उन्हें पैनिट बटन के बारे में जानकारी नहीं है। इसके माध्यम से संबंधित को जानकारी जाती है और उससे यात्रियों की सुरक्षा की जाती है। इसके लिए जल्द ही जागरूक शिविर लगाया जाएगा।
प्रदुम्न सिंह सोलंकी, अध्यक्ष बस ऑपरेटर टीकमगढ़।

Hindi News / Tikamgarh / बगैर पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम के बिना सडक़ों पर दौड़ रही 95 फीसदी से अधिक यात्री बसें

ट्रेंडिंग वीडियो