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टीकमगढ़

माधव राव सिंधिया की प्रतिमा फिर विवादों में

– 4 माह पूर्व स्थापित हो चुकी प्रतिमा की 2 फरवरी को मिली प्रशासकीय स्वीकृति, अनावरण का था इंतजार, ईएनसी का पत्र सामने आने के बाद प्रशासन स्तब्ध

टीकमगढ़Feb 10, 2023 / 08:21 pm

anil rawat

Madhav Rao Scindia's statue again in controversy

Madhav Rao Scindia’s statue again in controversy

टीकमगढ़. अनावरण के इंतजार में रेस्ट हाउस में खड़ी माधव राव सिंधिया की प्रतिमा पर विवादों की धूल और गहरी जमती जा रही है। 4 माह पूर्व इस प्रतिमा की स्थापना के बाद नगर के बुद्धिजीवियों के साथ ही क्षत्रीय महासभा ने इसका विरोध किया था तो 2 फरवरी को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद यह प्रतिमा एक बार फिर से विवादों में आ गई है।


विदित हो कि स्थानीय सर्किट हाउस में लगभग 4 माह पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्व माधव राव सिंधिया की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इस प्रतिमा की स्थापना के लिए भाजपा के जिला मंत्री एवं सिंधिया विचार मंच के माध्यम से अपनी राजनीति शुरू करने वाले विकास यादव के द्वारा प्रयास शुरू किया गया था। विकास यादव ने सिंधिया गुट के लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ को पत्र लिखा था। इसके बाद सुरेश धाकड़ ने प्रशासन को पत्र लिखकर मावध राव सिंधिया की प्रतिमा स्थापित कराने प्रशासन को आदेशित किया था। मंत्री के पत्र के बाद प्रशासन द्वारा तमाम विभागों से एनओसी लेने के बाद लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले रेस्ट हाउस के पार्क के बीच में प्रतिमा स्थापित करने के लिए जमीन नजूल को ट्रांसफर की थी। वहीं प्रतिमा स्थापित करने का काम नगर पालिका को सौंपा गया था। इस प्रक्रिया के बीच लगभग 4 माह पूर्व बिना किसी सूचना के रातोंरात यह प्रतिमा रेस्ट हाउस में स्थापित कर दी गई थी। इसकी जानकारी लगते ही इसका विरोध किया गया था।

यह विरोध अभी थमा भी नहीं था कि शुक्रवार को नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख अभियंता जीपी कटारे द्वारा दी गई इसकी प्रशासकीय स्वीकृति का पत्र सबके सामने आ गया। यह पत्र 2 फरवरी 2023 को जारी कर प्रतिमा के लिए 25.85 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। साथ ही नपा सीएमओ को आदेशित किया गया है कि वह नियमों का पालन करते हुए प्रतिमा स्थापित करने के लिए विधिवत टेंडर प्रक्रिया अपनाएं। ऐसे में अब प्रतिमा की स्थापना पर सवाल खड़े होने लगे है। लोगों का कहना है कि जब अभी प्रशासकीय स्वीकृति मिली हे तो प्रतिमा पहले से कैसे स्थापित कर दी गई है। इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने को लेकर दलाली होने की बातें सामने आने लगी है।

 

सीएम और सिंधिया करेंगे अनावरण!
2 फरवरी को नगरीय प्रशासन विभाग के ईएनसी का पत्र जारी होने के साथ ही विकास यादव द्वारा 6 फरवरी को कलक्टर को पत्र लिखकर इस प्रतिमा के अनावरण होने की बात कही गई है। इस पत्र में विकास यादव ने खिला है कि फरवरी माह के अंत तक प्रतिमा का अनावरण करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ वीरेन्द्र कुमार सहित अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के आने की संभावना है। ऐसे में उन्होंने इसका कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का निवेदन है। इस पत्र के बाद यह पूरा मामला और भी संदेहास्पद होता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि इस प्रतिमा का आर्डर और मंगाने का काम विकास यादव द्वारा ही किया गया है। मूर्तिकार की माने तो यह प्रतिमा 7 लाख रुपए में निर्मित की गई है। यह प्रतिमा ग्वालियर के एक मूर्तिकार से निर्मित कराई गई है।


दो साल पहले बढ़ी थी सिंधिया से दूरियां
विदित हो कि सिंधिया विचार मंत्र के माध्यम से राजनीति शुरू करने वाले विकास यादव और सिंधिया के बीच उस समय दूरियां बढ़ गई थी, जब 28 मई 2021 को कलेक्ट्रेट में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित की गई थी। उस बैठक में राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ सहित अन्य जनप्रतिनिध मौजूद थे। यहां पर विधायक गिरि ने विकास यादव पर सिंधिया के नाम से वसूली करने का आरोप लगाया था। यह वीडियो वायरल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सभी के निशाने पर आए थे और दिग्विजय सिंह ने भी उन्हें घेरा था। बताया जा रहा था कि इसके बाद से सिंधिया ने विकास से दूरियां बना ली थी।


यादव बोले- कई बार लिखा-पढ़ी में देरी हो जाती है
वहीं इस मामले में विकास यादव का कहना था कि यह बजट की स्वीकृति है। कई बार घर में भी काम पहले करा लिए जाते है और भुगतान बाद में होता है। ऐसे ही शासकीय कार्य में कई बार लिखा-पढ़ी में देरी हो जाती है। जब उनसे पूंछा कि प्रतिमा तो 7 लाख रुपए की है और बजट 24.85 हजार जारी किया गया है तो उनका कहना था कि यह पूरे प्रोजेक्ट का बजट है। अभी इस प्रतिमा का भुगतान नहीं किया गया है।

 

नपाध्यक्ष और एई बोले मुझे जानकारी नहीं
यह मामला सामने आने के बाद अब नपा के अधिकारियों और अध्यक्ष भी मौन साध रहे है। नपा की एई अंजली शुक्ला का कहना है कि प्रतिमा स्थापना की फाइल तो देखी थी, लेकिन ईएनसी का कैसा पत्र आया है, यह मुझे नहीं मिला है। मुझे इसकी जानकारी तो हुई है, लेकिन पत्र अब तक मेरे पास नहीं पहुंचा है। उसे देखने के बाद ही कुछ बात पाऊंगी। वहीं सिंधिया को गद्दार कहने वाले नपाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार भी इस पत्र से खुद को अनभिज्ञ बता रहे है। उनका कहना है कि मुझे तो जानकारी भी नहीं है कि यह प्रतिमा कहां स्थापित की गई है। उनका कहना है कि वह अभी बाहर है और लौटकर मामले की जानकारी करेंगे।


प्रतिमा की स्थापना पर उठ रहे सवाल
ईएनसी द्वारा 2 फरवरी को प्रशासकीय स्वीकृति देने के बाद अब प्रतिमा की स्थापना से लेकर अन्य सवाल भी सवाल खड़े हो रहे है। जिनका उत्तर किसी के पास नहीं है। ईएनसी के बाद यह है अनसुलझे सवाल-
– यदि प्रतिमा स्थापना करने की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली थी तो यह प्रतिमा कैसे स्थापित की गई है?
– ईएनसी की स्वीकृति के बाद अब नपा क्या करेंगी?
– क्या नपा अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए प्रतिमा के लिए टेंडर जारी करेगी?
– यदि नपा टेंडर जारी करेगी तो स्थापित की गई प्रतिमा का क्या होगा?
– या मामले को निपटाते हुए इसी प्रतिमा का नपा द्वारा भुगतान किया जाएगा?

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