इस अभियान से जुड़कर अब ब्राह्मण समाज भी आगे आ रहा है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के जिलाध्यक्ष सुरेश दौंदेरिया ने भी गुरुवार को इस अभियान से जुड़ते हुए समाज के लोगों से पोस्टकार्ड लिखवाए। उनका कहना था कि सर गौर को यह सम्मान जरूर मिलना चाहिए। पंडित सुरेश दौंदेरिया का कहना था कि शिक्षा के दान के लिए अपना सर्वस्व समपर्ण करने वाले सर गौर इसके सच्चे हकदार है। यदि सागर यूनिवर्सिटी न होती तो आज बुंदेलखंड और भी पिछड़ा होता और शिक्षा के लिए युवाओं को और परेशान होना पड़ता।
इस अभियान से जुड़ते हुए पीजी कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष प्रमोद खरे ने भी प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर सर गौर को भारत रत्न सम्मान देने की मांग की है। उनका कहना था कि सागर यूनिवर्सिटी का महत्व खुद केंद्र सरकार ने समझा है और इसे केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। आज सागर विश्वविद्याल से जुड़े अनेक कॉलेज पीएम श्री कॉलेज के रूप में उन्नयन होकर छात्रों को बेहतर शिक्षा दे रहे है। सरकार को सर गौर को निश्चित रूप से यह सम्मान देना चाहिए।
सर गौर को भारत रत्न सम्मान देने की मांग करते हुए युवा नेता रूपेश तिवारी बंटी का कहना था कि सर गौर इसके सच्चे हकदार है। यदि 1946 में उन्होंने सागर यूनिवर्सिटी की नींव न रखी होती तो आज बुंदेलखंड और भी पिछड़ा होता। बुंदेलखंड के विकास में सागर यूनिवर्सिटी मील का पत्थर साबित हुई है। इसके लिए सभी को प्रयास करते हुए इस अभियान में शामिल होना चाहिए। उन्होंने इस अभियान के लिए पत्रिका को बधाई दी है।