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टीकमगढ़

करणी सेना ने शुरू किया पोस्टकार्ड अभियान, गांव-गांव में दे रहे संदेश

टीकमगढ़. सागर यूनिवर्सिटी की स्थापना करने वाले डॉ. सर हरि ङ्क्षसह गौर को भारत रत्न सम्मान देने के लिए अब अनेक संगठन और युवा आगे आ रहे हैं। ऐसे में करणी सेना के युवाओं ने भी इस अभियान को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। सेना के युवा अपने समाज के लोगों के साथ ही गांव-गांव पहुंच कर लोगों से प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड लिखवा रहे हैं।

टीकमगढ़Nov 29, 2024 / 06:02 pm

Pramod Gour

टीकमगढ़. प्रधानमंत्री को लिखे पोस्टकार्ड दिखाते हुए युवा।

टीकमगढ़. प्रधानमंत्री को लिखे पोस्टकार्ड दिखाते हुए युवा।

सर गौर को मिले भारत रत्न सम्मान

टीकमगढ़. सागर यूनिवर्सिटी की स्थापना करने वाले डॉ. सर हरि ङ्क्षसह गौर को भारत रत्न सम्मान देने के लिए अब अनेक संगठन और युवा आगे आ रहे हैं। ऐसे में करणी सेना के युवाओं ने भी इस अभियान को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। सेना के युवा अपने समाज के लोगों के साथ ही गांव-गांव पहुंच कर लोगों से प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड लिखवा रहे हैं।
बुंदेलखंड के युवाओं को शिक्षा से जोडऩे के लिए अपनी पूरी संपत्ति दान करने वाले सर गौर को भारत रत्न सम्मान दिलाने के लिए अब हर समाज और वर्ग के लोग आगे आ रहे हैं। इस अभियान से जुड़कर अब करणी सेना के युवा इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। करणी सेना के जितेंद्र चंदेल अपनी टीम के साथ इस अभियान में जुट गए हैं। उनका कहना है कि सर गौर को यह सम्मान जरूर मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने गुरुवार को ग्राम अनंतपुरा, तखा पहुंच कर लोगों से पोस्टकार्ड लिखवाए।
ब्राह्मण समाज भी आया आगे

इस अभियान से जुड़कर अब ब्राह्मण समाज भी आगे आ रहा है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के जिलाध्यक्ष सुरेश दौंदेरिया ने भी गुरुवार को इस अभियान से जुड़ते हुए समाज के लोगों से पोस्टकार्ड लिखवाए। उनका कहना था कि सर गौर को यह सम्मान जरूर मिलना चाहिए। पंडित सुरेश दौंदेरिया का कहना था कि शिक्षा के दान के लिए अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले सर गौर इसके सच्चे हकदार हैं। यदि सागर यूनिवर्सिटी न होती तो आज बुंदेलखंड और भी पिछड़ा होता और शिक्षा के लिए युवाओं को और परेशान होना पड़ता।
सर गौर का सम्मान जरूरी

इस अभियान से जुड़ते हुए पीजी कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष प्रमोद खरे ने भी प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर सर गौर को भारत रत्न सम्मान देने की मांग की है। उनका कहना था कि सागर यूनिवर्सिटी का महत्व खुद केंद्र सरकार ने समझा है और इसे केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। आज सागर विश्वविद्यालय से जुड़े अनेक कॉलेज पीएम श्री कॉलेज के रूप में उन्नयन होकर छात्रों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं। सरकार को सर गौर को निश्चित रूप से यह सम्मान देना चाहिए।
ऐसे बिरले ही लोग

सर गौर को भारत रत्न सम्मान देने की मांग करते हुए युवा नेता रूपेश तिवारी बंटी का कहना था कि सर गौर इसके सच्चे हकदार हैं। यदि 1946 में उन्होंने सागर यूनिवर्सिटी की नींव न रखी होती तो आज बुंदेलखंड और भी पिछड़ा होता। बुंदेलखंड के विकास में सागर यूनिवर्सिटी मील का पत्थर साबित हुई है। इसके लिए सभी को प्रयास करते हुए इस अभियान में शामिल होना चाहिए। उन्होंने इस अभियान के लिए पत्रिका को बधाई दी है।

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