सरकारी छात्रों को देते है सुविधा: प्रदर्शन कर रहे छात्र शुभम मिश्रा, नवनीत यादव, हरेन्द्र प्रताप, योगेन्द्र लोधी, आशीष यादव, श्रेष्ठी सोनी, जाकिर हुसैन सहित अन्य छात्रों का आरोप था कि जो छात्र सरकार आईटीआई से पेपर दे रहे है, उन्हें सुविधा दी जाती है। यहां पर पेपर रखकर उसे हल कराया जाता है। वहीं जो प्रायवेट के छात्र है, उन्हें परेशान किया जाता है। छात्रों का आरोप था कि यहां पर उनसे पास होने के लिए 3 से 4 हजार रूपए की मांग की जा रही है। यहीं कारण है कि वह लोग पिछले तीन साल से पास नही हो पा रहे है।
प्राचार्य ने किया इंकार: इस मामले में आईटीआई के प्राचार्य ने किसी प्रकार के रूपए मांगे जाने से साफ इंकार किया है। उनका कहना है कि यह प्रायवेट के छात्र है, यह सरकारी कॉलेज है। यहां पर किसी प्रकार से पैसे नही मंागे जाते है। वहीं पर्यवेक्षक ने इस संबंध में कुछ भी कहने से मना कर दिया। विदित हो कि पूर्व में भी आईटीआई के कुछ शिक्षक विवादों में रह चुके है।
कहते है अधिकारी: यह सरकारी आईटीआई है, यहां पर न तो किसी प्रकार की फीस ली जाती है और न ही किसी छात्र से रूपयों की मंाग की गई है। यह आरोप निराधार है।- विजय सिंह, प्राचार्य, आईटीआई।