जिले की मुख्य सडक़ों पर हाट बाजार लगाया जाता था। इन्हीं सडक़ों से एंबुलेंस, यात्री बस के साथ अन्य वाहनों का आवागमन होता था। हाट बाजार में वाहनों से कई दुर्घटनाएं घटित हो गई है। सडक़ों से दूर हाट बाजार को स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायत से बाजार स्वीकृत कराए गए। लाखों रुपए की लागत से निर्माण कराया गया। लेकिन चालू नहीं कर पाए। गांव में हाट बाजार होने के बावजूद सडक़ पर बाजार लगाया जा रहा है।
यह हाट बाजार पिछले कार्यकाल है, निर्माण पूर्ण क्यों नहीं हुआ। मामले की जांच करवाते है।
सत्येंविद्र सिंह यादव, सहायक यंत्री जतारा।