scriptWorship Act: मस्जिदों से जुड़े नए केस फिलहाल नहीं होगे दर्ज, सर्वे पर भी SC ने लगाई रोक, जानें और क्या कहा | Worship Act: New cases related to mosques will not be registered for now, SC also bans survey | Patrika News
राष्ट्रीय

Worship Act: मस्जिदों से जुड़े नए केस फिलहाल नहीं होगे दर्ज, सर्वे पर भी SC ने लगाई रोक, जानें और क्या कहा

Places of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों को मस्जिदों का सर्वेक्षण करने की मांग करने वाली किसी भी नए मुकदमे या याचिका को स्वीकार करने या आदेश पारित करने पर रोक लगा दी।

नई दिल्लीDec 12, 2024 / 05:02 pm

Ashib Khan

supreme court

supreme court

Worship Act: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में गुरुवार को पूजा स्थल अधिनियम 1991 (Worship Act) के खिलाफ दायर याचिकाओं में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों को मस्जिदों का सर्वेक्षण करने की मांग करने वाली किसी भी नए मुकदमे या याचिका को स्वीकार करने या आदेश पारित करने पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा मुकदमों में भी सर्वेक्षण का कोई आदेश या कोई अन्य प्रभारी आदेश पारित नहीं किया जाएगा। इस मामले पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjiv Khanna), जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की स्पेशल बेंच ने सुनवाई की। 

निचली अदालत कोई प्रभावी आदेश ना दे- SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत कोई भी प्रभावी या अंतिम आदेश नहीं दे। सर्वे का भी आदेश नहीं दें। केंद्र सरकार 4 सप्ताह में एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करे। बता दें कि सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने विभिन्न कोर्ट के सर्वे के आदेशों पर भी एतराज जताया। हालांकि इन एतराज पर एससी ने कोई टिप्पणी नहीं की। SC ने कहा अगले आदेश तक सर्वेक्षण के लिए कोई वाद किसी भी कोर्ट में दायर या पंजीकृत नहीं किया जाएगा। इसके अलावा लंबित मामलों में कोर्ट कोई प्रभावी अंतरिम या अंतिमआदेश पारित नहीं करेगी।

केंद्र को दिया 4 सप्ताह का समय

सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि वर्तमान में देश में 10 मस्जिदों या धर्मस्थलों के खिलाफ 18 मुकदमे लंबित हैं। पीठ ने केंद्र को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच में एक हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया, जो किसी पूजा स्थल को पुनः प्राप्त करने के लिए मुकदमा दायर करने या 15 अगस्त, 1947 को प्रचलित चरित्र में बदलाव की मांग करने पर रोक लगाते हैं। याचिकाओं में पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह अधिनियम आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए गए हिंदुओं, जैन, बौद्ध और सिखों के अपने ‘पूजा स्थलों और तीर्थस्थलों’ को बहाल करने के अधिकारों को छीन लेता है।

Hindi News / National News / Worship Act: मस्जिदों से जुड़े नए केस फिलहाल नहीं होगे दर्ज, सर्वे पर भी SC ने लगाई रोक, जानें और क्या कहा

ट्रेंडिंग वीडियो