रविवार की सुबह ११ बजे वार्ड २६ के शासकीय प्राथमिक शाला अनगढ़ा में पत्रिका टीम पहुंची। स्कूल में बच्चे रंगोली बना रहे थे। नव साक्षरता की परीक्षा देने के लिए दुर्गाबाई कोरी बैठी थी। नव साक्षर दुर्गाबाई ने बताया कि मेरा निवास जानकी बाग मंदिर के पास है। यहां पर मेरी जमीन लगी है स्कूल के बुलावे पर आई हूं। हम अपना नाम नहीं लिख पाते है। कुछ ही देर में रतिबाई आदिवासी आई। उन्होंने बताया कि स्कूल के बुलावे पर आई हूं। न जाने कौन सा काम है। हम अंगूठा लगाते है। नवसाक्षर कमला ने बताया हम तो स्कूल में आते है। वहीं स्कूल की हेडमास्टर संध्या खरे ने बताया कि सभी लोग स्कूल आते है। बच्चे रंगोली बनाने आए है।
प्राथमिक शाला बडमाडई में सुबह ११:४० बजे पत्रिका की टीम पहुंची। वहां के कक्ष में एक नव साक्षर सुशीला बाई यादव और चिरोजिया यादव बैठी थी। उनका कहना था कि हम लिख नहीं पाते और ना ही स्कूल आते है। उसी कक्ष में दो दर्जन से अधिक कक्षा ८ वीं के छात्र-छात्राएं लाइन से बैठी हुई थी। वह नव साक्षरों के पेपर कर रहे थे। कैमरा को देख शिक्षक छात्रों से उत्तर पुस्तिका छीन रहे थे और कक्ष से बाहर भगा रहे थे। वहां से भाग कर बाहर बैठे अन्य शिक्षकों के पास बैठकर नव साक्षरों के पेपर भर रहे थे। प्रभारी का कहना था कि महिलाएं पेपर देने आई है। वहीं कक्षा ८ वीं की छात्रा सोनम यादव ने बताया कि मास्टर के कहने पर आई हूं। हमारे बोर्ड के पेपर १४ मार्च को समाप्त हो गए है। यही हाल मोहनपुरा स्कूल का था। जहां शिक्षक छात्रों से नव साक्षरों के पेपर करवा रहेे थे।
लखौरा के एक शाला एक परिसर में सुबह ११: ५७ बजे पत्रिका की टीम पहुंची थी। मुख्य द्वार के सामने वाले कक्ष में परीक्षा प्रभारी अरवेंद्र जैन और एक अन्य कक्षा आठवीं के अजय यादव से नव साक्षरों के पेपर करवा रहे थे। परीक्षा प्रभारी के प्रभारी द्वारा गांव के छात्रों को पेपर करवाने के लिए बुलाया जा रहा था। पत्रिका की टीम ने फोटो निकाली तो प्रभारी द्वारा कक्ष के अंदर से छात्रों को बाहर जाने की बात कही। प्रभारी का कहना था कि गांव में महिलाएं नहीं है। पेपर तो करवाना ही है।
इनका कहना
सुबह ८ बजे से नव साक्षरों की परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा ९३७ सेंटर पर की गई है। उसके निरीक्षण के लिए जिला स्तर के २५ कर्मचारी तैनात है। जहां पर लापरवाही हुई है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र पस्तोर, जिला प्रौढ़ अधिकारी टीकमगढ़।