नवंबर महीने में खाद संकट का दौर चलता रहा। अब बिजली का संकट शुरू हो गया है। जहां पर ट्रांसफार्मर और लाइन सही है, वहां पर पंप लाइनों से छह घंटे बिजली मिल रही, लेकिन बिजली पंप शुरू नहीं हो पाए है। अधिकतर पंप लाइनों के ट्रांसफार्मर खराब है। दो दिनों की कहकर बिजली कंपनी के कर्मचारी खराब ट्रांसफार्मर उठा ले गए, लेकिन सही ट्रांसफार्मर लौटकर नहीं आया है।
हनुमान सागर के किसान सुजान राजपूत, बोरी के रामसिंह यादव, छोटे लाल यादव और परसू अहिरवार ने बताया कि मार्च में सिंचाई खत्म हो गई थी। मई में बिजली कंपनी के कर्मचारी ट्रांसफार्मर उठा ले गए थे। वहीं ट्रांसफार्मर छह महीने में नहीं आ पाया। किसानों ने बताया कि कई ट्रांसफार्मर ऐसे है, जिनका तेज और वायर निकाल लिए गए है।
किसान मनोज कुशवाहा और रामसेवक के वट ने बताया कि रबी सिंचाई का सीजन शुरू हो गया है। खाद और बीज का इंतजाम कर लिए है। लेकिन बिजली पंप चलाने के लिए बिजली नहीं मिल रही है। जिसके कारण खेत सूखे पड़े है। समय रहते बिजली नहीं मिली तो अप्रेल, मई में मवेशियों से फसलों की सुरक्षा करना मुश्किल हो जाएगा।
५८ ट्रांसफार्मर खराब है। किसानों की मांग पर ट्रांसफार्मरों को रखा जा रहा है। किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
नवीन कुम्हार, डीई बिजली कंपनी टीकमगढ़।