ज्योतिषविदों के अनुसार अमावस्या की रात अंधेरे की ऊर्जाएं सबसे मजबूत होती हैं, यह वह दिन होता है जब सूर्य अपनी सबसे कमजोर स्थिति में होता है। चंद्रमा अपने शक्तिशाली पावक के बिना होता है। प्राचीन ग्रंथों और ऋषि मुनियों की कथाओं के अनुसार दीपावाली के दिन अमावस्या तिथि के दौरान साधना करने से किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर किया जा सकता है।
– जनार्दन शुक्ला, ज्योतिषाचार्य
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात मैया लक्ष्मी मठ, मंदिर, सिद्ध स्थलों से लेकर घरों में आती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, रोशनी और विधि-विधान से देवी-देवताओं का पूजन होता है, वहां मैया का वास रहता है। इस बार अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन है। हालांकि, 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल पहले ही समाप्त हो जा रहा है। 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी। इसी दिन निशित काल में भी अमावस्या रहेगी।