दरअसल मध्यपप्रदेश की राजधानी भोपाल के बीएचईएल गेट नंबर 5 के पास ए सेक्टर शास्त्री मार्केट पिपलानी में स्थित चिंताहरण गणेश मंदिर में अकौआ वाले भगवान गणेश विराजमान हैं। इस मंदिर के संबंध में पुजारी पंडित संदीप शुक्ला ने बताया कि यहां गणेश जी अकौआ की जड़ से निकले थे।
भेल कर्मचारी आरएस ठाकुर ने बताया कि 30 अगस्त 1979 रविवार को पुष्य नक्षत्र था। इस दौरान कुछ लोग सफेद अकौका के पेड़ को खोद रहे थे। मौके पर पहुंचा और पेड़ को उठाया तो जड़ सहित गड्ढे से बाहर निकल आई। देखा तो पेड़ की जड़ में गणेश की आकृति थी। इस पर हमने पास में लगे नीम के पेड़ के पास बने चबूतरे पर उन्हें ले जाकर विराजित कर दिया। बाद में दूसरी जगह विराजित कर मंदिर बनाने का सोचा पर कुछ पंडित और तांत्रिकों ने बताया कि ये स्वयंभू हैं। वे यहां स्थापित हो चुके हैं, अब कहीं नहीं जाएंगे। इसके बाद यहीं पर छोटी सी मढ़िया बनाई बाद में भव्य मंदिर और शेड का निर्माण किया गया।
हर साल मनाते हैं उत्सव
प्रतिवर्ष मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है। 30 अगस्त को भगवान गणेश की स्थापना की गई थी। इसके उपलक्ष्य में हर साल स्थापना दिवस पर हर्षोल्लास से आयोजन किया जाता है। इस मौके बीते 25 सालों से हवन, पूजन, भंडारे का आयोजन किया जाता है।
विराजमान हैं भोलेनाथ
पिपलानी ए सेक्टर स्थित चिंताहरण गणेश मंदिर में राम दरबार, राधा-कृष्ण, भगवान भोलेनाथ, भगवान गणेश और माता रानी के साथ साईं बाबा की स्थापना की गई है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और दर्शन करने आते हैं।