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Siddhi Vinayak Temple: यहां के स्वयंभू गणेश हर चिंता को करते हैं दूर, जानें उल्टा स्वास्तिक बनाने का रहस्य

Siddhi Vinayak Temple भगवान गणेश के मंदिर पूरे देश में हैं, लेकिन कुछ जगहों को लेकर तमाम किंवदंतियां प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक है सीहोर में स्वयंभू गणेश का मंदिर, जिसे चिंतामन गणेश मंदिर कहा जाता है। जिसे सिद्ध स्थल माना जाता है। आइये जानते हैं इस मंदिर के रोचत तथ्यों के बारे में (Chintaman Siddha Ganesh Mandir Sehore)।

जयपुरSep 11, 2024 / 02:18 pm

Pravin Pandey

siddhivinayaktemplesehore

सिद्धिविनायक टेंपल सीहोर

चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर

सीहोर का सिद्धि विनायक मंदिर अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। इसे चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह गणेश मंदिर सीहोर उत्तर पश्चिम दिशा में गोपालपुर गांव में स्थित है । यह गणेश मंदिर जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर है। वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 35 किलोमीटर दूर स्थित है।

कथाओं के अनुसार यह उज्जैन के शासक विक्रमादित्य के समय का है, जिसे महाराज ने 155 विक्रमी में श्रीयंत्र के अनुरूप बनवाया था। इस मंदिर का नवीनीकरण मराठा शासक पेशवा बाजीराव ने कराया था। बुधवार को बड़ी संख्या में यहां लोग पूजा अर्चना करने आते हैं, गणेश चतुर्थी के दिन तो यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है।

मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा खड़ी हुई और जमीन में आधी धंसी अवस्था में है। इससे आधी मूर्ति के ही दर्शन होते हैं। कहा जाता है यह स्वयंभू गणेश प्रतिमा है, इसीलिए यहां के प्रतिमा का प्रताप अन्य जगहों से ज्यादा माना जाता है। यहां अनेक तपस्वियों ने सिद्धि प्राप्त की है। मान्यता है कि यहां अपना दुखड़ा सुनाने आने वाले भक्त का संकट गणपति बप्पा हर लेते हैं। यह भी मान्यता है कि यहां उल्टा स्वास्तिक बनाने पर हर काम सिद्ध होता है।
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मंदिर से जुड़ी किंवदंती

कहा जाता है कि इस प्रतिमा की आंखों में हीरे जड़े थे, 150 साल पहले तक इस मंदिर में ताले नहीं लगाए जाते थे। तब किसी चोर ने गणेशजी की आंखों के हीरे चुरा लिए थे, इसके बाद मूर्ति की आंखों से 21 दिन दूध बहा था। बाद में गणेशजी ने पुजारी को स्वप्न दिया कि मैं खंडित नहीं हुआ हूं, मेरी आंखों में चांदी के नेत्र लगवा दो। इसके बाद मूर्ति को चांदी के नेत्र लगवाए गए। यहां भंडारा भी किया गया।
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