डीआरएम ने बताया कि आजाद नगर के लिए राज्य सरकार अथवा यूआईटी की ओर से प्रस्ताव आने के बाद ही अण्डरब्रिज पर विचार किया जायेगा। तकनीकी रूप से यहां अण्डरब्रिज बनाया जाना संभव नहीं है। डीआरएम ने सोमवार को आजाद नगर जाकर मौके का भी जायजा लिया। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर बुकिंग, प्रतीक्षालय, आरक्षण केन्द्र आदि का भी जायजा लिया। स्टेशन अधीक्षक डीके त्यागी और सीएमआई वेदप्रकाश शर्मा आदि भी डीआरएम के साथ थे। बीकानेर के मंडल रेल प्रबंधक के साथ नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के मंडल मंत्री अनिल व्यास और श्रीगंगानगर शाखा के सचिव जसविन्द्र सिंह ने भी अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस मौके पर गरीबों को भी कंबल वितरित किए गए।
क्या है एलएचबी कोच?
एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होते हैं। दुर्घटना की स्थिति में भी ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं जिससे यात्रियों के सुरक्षित रहने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके स्लीपर, तथा एसी के सभी श्रेणी के कोच में बर्थ की क्षमता ज्यादा होती है जिसकी वजह से अधिकतम 22 कोच ही लग सकते हैं। बेपटरी होने के बाद एलएचबी कोच एक-दूसरे पर चढ़ते नहीं हैं। इस कोच की एक विशेषता यह है कि इसमें यात्रियों की भीड़ अधिक होने पर परेशानी कम होती है क्योंकि गेट से बर्थ तक 2 मीटर से अधिक जगह है।
डीआरएम ने आजाद नगर में आरयूबी के लिए मौका देखा
सुबह बीकानेर से आए डीआरएम अनिल कुमार दुबे ने वार्ड नंबर एक में आजाद नगर में आरयूबी के बनाने की स्थिति का निरीक्षण किया। इसमें उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर के आग्रह पर वह आरयूबी की आगे की कार्रवाई करेंगे। इसके बाद सभी वार्डवासियों ने जिला कलक्टर ज्ञानाराम को आरयूबी के निर्माण के लिए ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि वार्ड 1 आजाद नगर में करीब 350 परिवार रहते हैं जिन्हें आवागमन के लिए रेल लाइन पार करनी पड़ती है।