उच्च न्यायालय में पक्का सारणा निवासी रामजी लाल वर्मा और सुभाष ने याचिका दायर की। अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया कि 22 जुलाई 2020 को उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों में वाहन चालक के रिक्त पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षा विज्ञप्ति जारी कर आवेदन मांगे।
इन दोनेां ने ड्राइवर पदों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग से आवेदन किया था जिसके लिए उच्च न्यायालय प्रशासन ने 23 जनवरी 2021 को लिखित परीक्षा आयोजित की।लिखित परीक्षा का परिणाम 27 फरवरी 2021 को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी किया गया और सामान्य श्रेणी सहित सभी आरक्षित वर्गो की कटऑफ भी परिणाम के साथ जारी की गई।
जिसमें सामान्य वर्गकी कटऑफ 68 और अन्य पिछड़ा वगज़् की कटऑफ 76 जारी की गई और प्राथिज़्गणों को उक्त परिणाम सूची में शामिल नहीं किया गया जबकि याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी उतरकुंजी और प्रश्न पत्र की जांच में पाया की उनके लिखित परीक्षा के अंक उनकी आरक्षित वर्ग की कटऑफ से कम है लेकिन सामान्य वर्ग की कटऑफ से अधिक है.
बावजूद इसके सामान्य वर्ग के कम अंक के अभ्यार्थियों को चयन सूची में शामिल किया गया है। इन दोनो ने व्यक्तिगत स्तर पर प्रशासन से इस मामले में संपर्क किया गया लेकिन किसी भी तरह के सुधार नहीं होने परउच्च न्यायालय में प्राथिज़्गणों ने याचिका दायर की।
यादव का कहना था कि आरक्षण के नियमों के अनुसार आरक्षित वगज़् की कटऑफ सामान्य वगज़् की कटऑफ से अधिक जारी नहीं की जा सकती है. .उच्चतम न्यायालय के इंद्रा साहनी मामले में भी यह तय किया जा चुका है की यदि आरक्षित वर्ग का अभ्यार्थी सामान्य वर्ग की कटऑफ से अधिक अंक प्राप्त करता है तो उसका चयन सामान्य वगज़् में किया जाएगा लेकिन उच्च न्यायालय ने उक्त भर्ती परीक्षा में न ही आरक्षण नियमों का पालन किया है और न ही उच्चतम न्यायालय के निर्णयों को लागू किया है।