आयुक्त ने बताया कि जांच कमेटी में पूर्व सभापति श्यामलाल धारीवाल, राजस्व अधिकारी मिलखराज चुघ, सहायक अभियंता सुखपाल कौर और स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह को शामिल किया गया है। इसके साथ साथ अखिल भारतीय सफाई मजदूर संगठन के पदाधिकारी जांच में सहयोगी के तौर पर रहेंगे।
इससे पहले सोमवार को नगर परिषद के स्थायी सफाई कर्मियों के अलावा ठेकेदार के अस्थायी सफाई कर्मियों ने सामूहिक रूप से हड़ताल कर परिषद परिसर में धरना लगा दिया। आखिर आयुक्त और सभापति ने उनकी मांगों को सुना और नए सफाई कर्मियों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश जारी कर दिए।
इसलिए उठा यह मामला
पिछले सप्ताह चयनित 144 नए सफाई कर्मियों को ज्वाइनिंग देने के बाद उन लोगों ने आपत्ति कर दी, जो वंचित हो गए थे। ऐसे लोगों के समर्थन में जिला वाल्मीकि सभा ने आंदोलन शुरू कर दिया। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ने समर्थन देते हुए मोर्चा खोल दिया। विवाद इतना बढ़ा कि ठेके पर नियुक्त सफाई कार्मिक भी हड़ताल में शामिल हो गए।
ज्वाइनिंग पहले, जांच अब
राज्य सरकार को हाईकोर्ट से जैसे ही राहत मिली उसी दिन शाम को चयनितों की सूची जारी कर दी गई। इसके बाद अगले चौबीस घंटे में चयनित 144 लोगों को ज्वाइनिंग दे दी गई। दस्तावेजों का सत्यापन भी दो दिन बाद किया गया। लेकिन नौकरी से वंचित रहने वालों ने जब हंगामा औ प्रदर्शन किया तो वाल्मीकि समाज सभा ने अनुभव प्रमाण पत्रों पर आपत्ति दर्ज कराई।