कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। डोटासरा ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरा ही नहीं हुआ, उससे पहले ही जो जिले कांग्रेस सरकार ने बनाए थे, उनमें से 9 जिले और 3 संभागों को समाप्त करने का निर्णय कर दिया।
यह बहुत खेद का विषय है। सात दिन के राजकीय शोक के बावजूद राजस्थान सरकार ने जनविरोधी निर्णय कर दिया।डोटासरा ने कहा, एक जनवरी तक राजकीय शोक है, उसमें हम कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। इसके बाद हम बड़ा जन आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा, संभाग और जिले सेवानिवृत्त आइएएस की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिश पर बनाए गए थे। जूली ने कहा विधानसभा में सरकार की ‘रेल’ बनाएंगे। सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन करेंगे और वापस जिले बनाने के लिए मजबूर करेंगे।
पहला फैसला ही जनविरोधी
कांग्रेस नेताओं ने कहा, भाजपा सरकार ने 12 माह में पहला फैसला किया है, वह भी जनविरोधी है। यह निर्णय जनमानस के खिलाफ है। इसकी घोर निंदा करते हैं। एक तरफ जनगणना होनी है, इसलिए 1 जनवरी के बाद कुछ हो नहीं सकता और दूसरी तरफ कोर्ट की छुट्टी है, ऐसे में कोर्ट भी नहीं जा सकते। ऐसे समय यह फैसला किया है।
सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी
डोटासरा ने कहा, अलोकतांत्रिक, विवेकहीन और पर्ची से लिए गए निर्णय के खिलाफ जन आंदोलन करेंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री लगातार दिल्ली जा रहे थे। दिल्ली-जयपुर के बीच यह अपडाउन इसलिए ही चल रहा था कि कब वहां से पर्ची आए तो जनता के हितों पर कुठाराघात करें। मुख्यमंत्री को अपना विजन दिखाना चाहिए था, उन्हें सरेंडर नहीं होना चाहिए था। इसके लिए सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए थी। उप मुख्यमंत्री जनता को क्या मुंह दिखाएंगे
डोटासरा ने कहा, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा दिल्ली वाले चक्कर में मुश्किल से तो बचे थे और आज उनको निपटाकर घर बैठा दिया। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने ही नहीं आए। बैरवा अब जनता को कैसे मुंह दिखाएंगे। जिसकी मांग कर रहे थे वह उनका जिला खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने डीग को बचा लिया।
कांग्रेस की सरकार बनेगी तब फिर जिले बनाएंगे
जूली ने कहा छोटे जिले बनाने से न्याय त्वरित मिलता है। मध्यप्रदेश हमसे छोटा है पर 53 जिले हैं। ये कांग्रेस ने बनाए थे, इसलिए इन्हें खत्म कर दिया है। कांग्रेस इनको वापस जिला बनाएगी। इनके अलावा अभी पांच-सात जिले और बनाने की जरूरत थी।