लालगढ़ रेलवे स्टेशन यार्ड में आयोजित इस मॉक ड्रिल में दिखाया गया कि शंटिंग के दौरान दो कोच टकरा गए और एक कोच दूसरे पर चढ़ गया। इसमें रेलवे के इलेक्ट्रिक विभाग का स्टाफ और ठेकेदार के कुछ मजदूर घायल हुए थे। कुल 40 लोग घायल हुए और दुर्घटना की सूचना फैलने के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची।
राहत कार्य में जुटी टीमों ने कटर की मदद से कोचों को काटकर घायलों को बाहर निकाला। एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंची और घायल यात्रियों को अस्पताल भेजा गया। इस मॉक ड्रिल में लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय लिया गया, जिसमें विभिन्न विभागों की तत्परता और रिस्पॉन्स टाइम की जांच की गई।
अपर मंडल रेल प्रबंधक, रुपेश यादव ने कहा कि इस मॉक ड्रिल के दौरान सामने आई त्रुटियों को सुधारा जाएगा और एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन यानी एआरटी को और अधिक आधुनिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभ्यास से न केवल रेलवे की बचाव क्षमता में सुधार होगा, बल्कि संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित होगा।
यह मॉक ड्रिल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि आपातकालीन स्थितियों में रेलवे और अन्य बचाव दल किसी भी प्रकार की दुर्घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।