महीने भर में जहां थाना स्तर पर अक्टूबर में की कार्रवाईकी संख्या पूर्व की तुलना में तीन से चार गुना हो गई है। वहीं जिला स्तर पर भी कार्रवाई के प्रकरणों की संख्या पिछले कई महीनों का रिकॉर्ड तोड़ रही है। कोतवाली से लेकर ग्रामीण अंचल के दूर-दराज थानों में बड़ी सक्रियता रिकॉर्ड तोडऩे की वजह बनी है। अकेले नवानगर थाना की कार्रवाई पर गौर फरमाएं तो विभिन्न मामलों में अक्टूबर महीने में 400 से अधिक प्रकरणों में कार्रवाई की गई है।
जिले भर में कार्रवाई वाले प्रकरणों की संख्या पांच हजार के करीब बताई जा रही है। यह हाल तब है जब पुलिस की सक्रियता के चलते अपराधी पहले ही दुम दबाकर बैठ गए हैं। पुलिस की इस सक्रियता का नतीजा है कि अपराधी जहां त्राहिमाम कर रहे हैं। वहीं जनता-जनार्दन चैन से चुनावी माहौल का आनंद लेते हुए मतदान के लिए उम्मीदवारों को अपने उम्मीदों की कसौटी पर तौल रही है।
वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रियता का नतीजा
अपराधियों पर कसा शिकंजा प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रियता का नतीजा माना जा रहा है। तय है कि जब कलेक्टर और एसपी रात में निरीक्षण पर निकलेंगे तो अनुविभागीय अधिकारियों और थाना प्रभारियों को निकलना ही होगा।कार्रवाई के प्रकरणों और अपराधियों पर कसे शिकंजे की मूल वजह यही है।
संदिग्धों को सलाखों में डालने जुटी पुलिस
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों के साथ पुलिस अमले में सक्रियता इस उद्देश्य से देखने को मिल रही है कि कहीं चुनाव में कोईबड़ा बवाल न हो जाए। किसी न किसी रूप में ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है, जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की संभावना के मद्देनजर संदेह के घेरे में हैं।
नवानगर की कार्रवाई से समझे सक्रियता
आबकारी एक्ट – 22 प्रकरण
ऑम्र्स एक्ट – 04 प्रकरण
जिला बदर – 07 प्रकरण
107, 116 (3) जा. फौ. – 69 प्रकरण
151 जा. फौ. – 19 प्रकरण
110 जा. फौ. – 37 प्रकरण
मोटर व्हीकल एक्ट – 156 प्रकरण
गिरफ्तारी वारंट – 37
एनडीपीएस एक्ट – 01
पुलिस एक्ट – 39 प्रकरण
जुआ एक्ट – 02 प्रकरण