क्या था मामला
जानकारी के मुताबिक, सड़क और नाली को लेकर विवाद था। जिसका नगर निगम और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया था। इस मामले का हल निकलने के लिए कोतवाली थाने में बैठक बुलाई गई थी। इसी दौरान ज्यादा बहस होने के कारण एएसआई ने गुस्से में आकर अपनी वर्दी फाड़ दी। जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा एएसआई को शांत कराया गया। वर्दी फाड़ने के दौरान एएसआई ने अपनी टोपी-बेल्ट भी निकालकर फेंक दी। जिसका वीडियो थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
वर्दी का अपमान करने पर हुई थी कार्रवाई
वर्दी का अपमान करने पर एएसआई पर कार्रवाई की गई थी। इस पर एसपी निवेदिता गुप्ता ने कहा कि यह वीडियो 7-8 महीने पुराना है। यहां पर मेरी ज्वाइनिंग हुई थी। तो यह मामला मेरे संज्ञान में आया था। उस समय जांच के बाद एएसआई विवेक मिश्रा को दंडित भी किया जा चुका है। वर्दी का अपमान करने पर उनकी वेतन वृद्धि रोकी गी थी। यह सीसीटीवी फुटेज कैसे बाहर आए। इसकी जांच की जाएगी।
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
मध्यप्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से लिखा गया कि यह सत्ता की हनक है…भाजपा के पार्षद की धमक देखिए। एक वर्दीधारी को अपनी वर्दी फाड़ना पड़ गई। प्रदेश में पुलिसिंग का स्तर जीरो हो गया है! अपराध अनियंत्रित हैं, अपराधी बेखौफ और पुलिस कहीं लाचार तो कहीं दबाव में है। यह वायरल वीडियो सिंगरौली के बैढन थाने का बताया जा रहा है, जहां BJP पार्षद के दबाव से एक पुलिसकर्मी इतने परेशान हो गए कि अपनी वर्दी तक फाड़ ली! यानि मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रभाव में गृह विभाग की दशा और दिशा दोनों बिगड़ चुकी है! जनता को न्याय कैसे मिलेगा, जब पुलिस को ही अपनी वर्दी फाड़नी पड़ रही है।