भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष जगदीश प्रसाद माथुर भी तीनों सदनों में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सीकर निवासी माथुर 1957 में सीकर से विधायक व 1977 में सांसद निर्वाचित हुए। 1972 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। जनता दल के संस्थापक अध्यक्ष कुंभाराम आर्य ने भी 1952 में चूरू विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीता। 1968 में भारतीय क्रांति दल से राज्य सभा सदस्य चुने जाने के बाद 1980 में लोकदल से सीकर से लोकसभा चुनाव जीता।
मिर्धा व कटारा भी शामिल
मिर्धा राजस्थान विधानसभा में 1953 से 1967 तक लगातार विधायक के साथ मंत्री रहे। वर्ष 1967, 1968 व 1974 में राज्य सभा सदस्य के साथ वर्ष 1977 से 1980 तक राज्यसभा उपसभापति रहे। वे 1991 के लोकसभा चुनाव में वे बाड़मेर से सांसद चुने गए। इसी तरह कनकमल कटारा 1994 से 2000 तक राज्य सभा सदस्य, 2002 व 2003 में सागवाड़ा से विधायक और 2019 में बांसवाड़ा से लोकसभा सदस्य चुने गए। राज्य सरकार में मंत्री भी रहे।
ये भी जा चुके हैं संसद
सवाईमाधोपुर से विधायक किरोड़ीलाल मीणा व तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया के नाम भी यह रेकॉर्ड है। मीणा 2018 में राज्य सभा सांसद चुने जाने से पहले 1995, 1998, 2003 व 2013 में अलग- अलग विधानसभाओं तथा 1998 में सवाईमाधोपुर व 2009 में दौसा से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसी तरह नरेन्द्र बुडानिया 1985, 1996 और 1998 में चूरू से लोकसभा सांसद तथा 2012 से 2018 तक राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।
तीनों सदनों के सदस्य, सीएम व राज्यपाल रहे पहाड़िया
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया 1980, 1985, 1990 व 2003 में विधानसभा के अलावा 1957, 1967, 1971 व 1980 में लोकसभा चुनाव जीत चुके थे।
वर्ष 1980 में ही 11 महीने के लिए मुख्यमंत्री बने, 1965 में राज्य सभा सदस्य चुने गए और 1989 में बिहार व 2009 में हरियाणा के राज्यपाल नियुक्त हुए।