उल्लेखनीय है कि गुरुवार सुबह हजारों किसान विधानसभा घेराव के लिए जयपुर जा रहे थे। रामू का बास के पास पुलिस व प्रशासन ने किसानों को रोक लिया। उन्हें जयपुर कूच नहीं करने दिया तो वे आक्रोशित हो गए और जयपुर रोड पर जाम लगा दिया। शेखावाटी में वर्ष 2018 का यह सबसे बड़ा जाम है।
गांवों के रास्तों से निकली बसें
सीकर और बीकानेर से जयपुर के बीच चलने वाले वाहन रामू का बास तिराहा होकर ही गुजरते हैं। जाम के कारण जयपुर की ओर से आने वाले वाहन बाजौर गांव होते और चूरू-झुंझुनूं व बीकानेर की तरफ से आने वाले वाहन सीकर के पिपराली तिराहा से निकल रहे हैं। जाम के कारण वाहनों में फंसे सैकड़ों यात्री बीच सफर में ही वाहनों से उतरकर पैदल ही अपने गंतव्य की ओर बढ़ गए।
सीकर किसान आंदोलन से लेकर जयपुर रोड जाम तक का अपडेट
-किसानों की कर्ज माफी और स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशें लागू करवाने समेत 13 मांगे हैं।
-अपनी मांगों के लिए किसानों ने एक से 13 सितम्बर 2017 तक सीकर किसान आंदोलन किया था।
-सीकर किसान आंदोलन के तहत तीन दिन तक सीकर व प्रदेश के अन्य हिस्सों में जाम रहा।
-सीकर किसान आंदोलन के दौरान राज्य सरकार ने 50 हजार तक के कर्ज माफी का समझौता किया।
-कर्ज माफी का समझौता समय पर लागू नहीं होने के कारण किसानों ने 22 फरवरी को विधानसभा घेराव का ऐलान कर दिया।
-इस बीच राजस्थान बजट 2018 में सरकार ने किसानों के 50 हजार तक ऋण माफी की घोषणा की।
-इस कर्ज माफी की घोषणा से सिर्फ राजस्थान के लघु व सीमांत किसानों को फायदा होगा।
-ऐसे में किसानों ने अपने 22 फरवरी को प्रस्तावित विधानसभा घेराव का फैसला जारी रखा।
-12 फरवरी 2018 को झुंझुनूं और कोटा से किसानों के पहले जत्थे जयपुर रवाना हुए।
-15 फरवरी को नागौर के डाबला और 17 फरवरी से सीकर के मांडोता से किसानों का जयपुर कूच।
-इनके अलावा भी किसान नेताओं के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान जयपुर पहुंचे।
-डाबला जत्थे का नेतृत्व कर रहे किसान नेता अमराराम और मांडोता जत्थे का नेतृत्व कर रहे पेमाराम समेत 24 किसान नेता चौमूं के पास गिरफ्तार।
-किसान नेताओं की गिरफ्तारी और विधानसभा घेराव के लिए गुरुवार को जयपुर जा रहे किसानों को रामू का बास से आगे नहीं बढऩे देने पर किसानों ने हाईवे जाम कर दिया।