बस्ती में झोपड़ी में रखा शव
अस्पताल में बालक के मृत घोषित करने पर परिजन शव को बस्ती में ले आए। मृतक बालक की मां के अपने पीहर नीमकाथाना होने की वजह से शव को झोपड़ी में रखवाया गया। मां के आने के बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। चार वर्षीय मासूम की मौत का समाचार मिलने पर पूरी कच्ची बस्ती में ही सन्नाटा पसर गया। दिनभर पूरी बस्ती में रहने वालों नेे चूल्हे तक नहीं जलाए। इस दौरान परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल रहा।
दरवाजा का दूसरा पल्ला भी जर्जर
हादसे के बाद फायर स्टेशन भवन के द्वार के आगे खून ही खून बिखरा हुआ था। लोहे के दरवाजा का एक पल्ला नीचे पड़ा हुआ था। वहीं दूसरा गेट के भी तीन वेल्डिंग में से दो हिस्से अलग हो रखे थे। ऐसे में दूसरा पल्ला भी हादसे को निमंत्रण देता दिख रहा है। घटना के बाद लोगों में इस लापरवाही को लेकर आक्रोश भी दिखा।