लेकिन, सभी समाजों के लोग सरकार के इस फैसले से काफी नाराज है और लगातार चौथे दिन गुरुवार को आंदोलनरत है। इसी बीच क्षेत्र वासियों ने राजस्थान सरकार चेतावनी देते हुए साफ-साफ कह दिया है कि अगर नीमकाथाना जिले को यथावत नहीं किया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
इससे पहले आंदोलन तीसरे दिन बुधवार को भी पूरी ताकत के साथ जारी रहा। शहर के बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रहे। बुधवार को आंदोलन में राजपूत समाज, गुर्जर समाज सहित कई अन्य सामाजिक संगठनों ने खुलकर समर्थन दिया है। सब्जी मंडी यूनियन ने भी ऑटो स्टैंड से विरोध रैली निकाली।
तीन दिन बाद खुली दुकानें
जिला यथावत रखने की मांग को लेकर व्यापार महासंघ ने तीन दिन पूर्ण बाजार बंद रख विरोध में पूरा समर्थन दिया। बुधवार को व्यापार महासंघ अध्यक्ष रामगोपाल मेगोतियां की अध्यक्षता में मीटिंग हुई, जिसमें सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गुरुवार से बाजार खोला जाएगा। इसके बाद आज सुबह से ही दुकानें खुलने लग गई।
तो किया जाएगा बड़ा आंदोलन
तीसरे दिन बाजार बंद रहने के कारण व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं। आम जनता को जरूरी सामान की किल्लत झेलनी पड़ी, लेकिन फिर भी लोग जिले की मांग को लेकर आंदोलन के साथ खड़े नजर आए। आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि राजस्थान सरकार जल्द ही उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो यह आंदोलन और बड़े स्तर पर किया जाएगा। राजनैतिक न होकर सामाजिक हुई लड़ाई
जिले का तमगा छीने जाने के बाद अब यह लड़ाई राजनैतिक न होकर सामाजिक हो गई है। मंगलवार को जहां जाट समाज के लोगों ने विरोध जताया था वहीं बुधवार को राजपूत, गुर्जर समाज ने भी हुंकार भरी। रैली के रूप में राजपूत समाज के लोगों ने जिला हटाने के विरोध में ज्ञापन सौंपा और नीमकाथाना जिला तथा सीकर संभाग पर पुनर्विचार करने की मांग की।
गुर्जर समाज के लोगों ने टायर जलाकर विरोध दर्ज करवाया। ज्ञापन देकर कहा कि जब तक नीमकाथाना जिले को दर्ज वापस नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन कम नहीं होगा। इस दौरान समाज के लोगों ने कहा कि जब तक जिले को यथावत नहीं रखा जाएगा तब आंदोलन जारी रहेगा।