एक दिन पहले मंजूर हुई सेवानिवृति
करीब एक दशक से राजनीति में सक्रिय दानोदिया का पहले से चुनाव लडऩे का मानस था। इसके लिए उन्होंने जुलाई महीने में स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन शिक्षा विभाग में कर दिया था। एक दिन पहले शनिवार को ही उसे मंजूरी मिली है।
मोरदिया व दानोदिया के नाम पर चला मंथन
धोद में कांग्रेस की टिकट के लिए जगदीश दानोदिया व विधायक परसराम मोरदिया के बेटे महेश मोरदिया के नाम पर मंथन चला। इसमें दानोदिया ने बाजी मारी। सूत्रों के अनुसार इससे पहले कांग्रेस आलाकमान परसराम मोरदिया को ही फिर से उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में था। पर चुनाव लडऩे के लिए मना करने पर उनके बेटे व दानोदिया के नाम पर चर्चा हुई।
त्रिकोणीय से रोचक होगा मुकाबला
धोद में कांग्रेस का भाजपा के अलावा माकपा से त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा से पूर्व विधायक गोरधन वर्मा व माकपा से पूर्व विधायक पेमाराम मैदान में है। ऐसे में दो पूर्व विधायकों के सामने कांग्रेस के नए चेहरे का चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने की संभावना है।
वीआरएस से चुनाव लडऩे वाले दूसरे प्रत्याशी
जगदीश दानोदिया वीआरएस लेकर कांग्रेस से चुनाव लडऩे वाले शेखावाटी के दूसरे प्रत्याशी हैं। शनिवार को पिलानी से घोषित उम्मीदवार पितराम काला भी वीआरएस लेकर लेकर चुनावी मैदान में उतरे हैं। वे भी शिक्षा विभाग में ही संयुक्त निदेशक पद पर नियुक्त थे।
डीईओ के बाद अब शिक्षक मैदान में
धोद विधानसभा सीट पर कांग्रेस इससे पहले 2013 में जिला शिक्षा अधिकारी नेापाराम वर्मा को भी चुनावी समर में उतार चुकी है। हालांकि भाजपा उम्मीदवार गोरधन वर्मा व माकपा प्रत्याशी पेमाराम के बाद वे चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे। 2018 में परसराम मोरदिया की उम्मीदवारी से चुनावी मैदान जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार फिर शिक्षा विभाग से ही उम्मीदवार चुना है।