अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं यहां पर प्रदेश के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ, भ्रष्ट प्रतियोगिता परीक्षा के खिलाफ, ध्वस्थ शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठा हूं। जब तक अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिलता है तब तक मैं यहीं बैठा रहूंगा। बता दें कि प्रशांत किशोर के साथ
बीपीएससी छात्र और जन सुराज पार्टी के नेता भी अनशन पर बैठे हैं।
प्रशांत किशोर ने रखी ये पांच मांग
प्रशांत किशोर ने छात्रों के हित में सरकार के समक्ष पांच मांग रखी हैं, जो इस प्रकार है… 1. 70वीं बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और पुन: परीक्षा कराई जाना चाहिए। 2. 2015 में 7 निश्चय के तहत किए वादे के अनुसार 18 से 35 साल के बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
3. पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितता और पेपर लीक की जांच एवं दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेत पत्र जारी किया जाए। 4. लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठीतंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
5. बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए।
‘छात्रों की मांगों को अनसुना करना सरकार की असंवेदनशीलता है’
प्रशांत किशोर ने कहा कि अभ्यर्थियों की जायज मांगों को अनसुना करना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। इस अनशन के जरिए मैं सरकार को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाना चाहता हूं। वहीं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर प्रशासन जल्द कोई एक्शन ले सकता है। पटना डीएम ने गांधी मैदान में धरने को खत्म करने को कहा है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 13 दिसंबर 2024 को BPSC की 70वीं संयुक्त परीक्षा 2024 आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में करीब 3 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। वहीं पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से पेपर लीक होने के आरोपों के कारण छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र राजधानी पटना में बैठे हैं। बीपीएससी की परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ नॉर्मलाइजेशन को भी छात्र रद्द करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, परीक्षा से पहले ही 6 दिसंबर को एग्जाम को लेकर विवाद शुरू हो गया था। यह विवाद परीक्षा के सामान्यीकरण को लेकर हुआ था।