18 वर्षीय पीड़िता ने उस दिन के दर्द की दास्तां सुनाई
4 मई की शाम 4 बजे उसे फोन आया। सामने से महिला बोली कि मैं अर्चना मैडम बोल रही हूं, तु्हारा आवास भत्ता एवं स्कॉलरशिप का पैसा तु्हारे अकाउंट में नहीं जा रहा है। इसके लिए एक फार्म में हस्ताक्षर करना पड़ेगा, तभी राशि मिलेगी। इसके लिए टिकरी स्कूल के पास आना होगा, मैं वहीं मिलूंगी।मां को बताकर शाम 6 बजे मैं टिकरी स्कूल के पास पहुंची। दुबारा फोन आया और बोली कि मेरी बाइक पंचर हो गई है, मुझे देरी हो जाएगी, इसलिए अपने लड़के को भेज रही हूं, तुम उसके साथ गिजवार आ जाना। तु्हें घर छुड़वा दूंगी। मैंने कहा कि आप आएंगी, तभी मैं चलूंगी तो उसने कहा कि बिजी हूं, तुम लड़के के साथ आ जाओ। थोड़ी देर में हेलमेट लगाए एक लड़का बाइक से पहुंचा। बोला मां ने तुम्हें लेने भेजा है। मैं बाइक पर बैठ गई।