मामला 2 अप्रैल का है जब सीधी थाना पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा जिन पर अवैध वसूली और स्थानीय भाजपा विधायक के खिलाफ एक खबर चलाने का आरोप लगाया गया। पकड़े गए सभी लोग यू-ट्यूब पर चैनल चलाने वाले बताए गए जिनमें से एक कनिष्क तिवारी भी हैं। बताया गया है कि कनिष्क तिवारी की टीम ने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला व पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर खबरें चलाई थीं। इससे नाराज़ होकर विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर की थी। जिसके बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ा था और फिर इनके साथ जो व्यवहार हुआ वो सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गया है।
सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने उठाई ऐसी मांग मच सकता है बवाल, जानिए पूरा मामला
पीड़ित कनिष्क की आपबीती
पत्रिका से बातचीत में पीड़ित कनिष्क तिवारी ने बताया कि 2 अप्रैल को रंगकर्मी नीरज कुंदेर को फेक आईडी बनाकर कथित तौर पर बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे गुरुदत्त के बारे में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था जिसे कुछ ही घंटे बाद ही जेल भेज दिया गया। इस घटना के बाद नीरज के परिजन व साथी रात करीब 8 बजे थाने के बाहर नारेबाजी कर रहे थे। जिसका कनिष्क तिवारी अपने कैमरामैन के साथ कवरेज कर रहे थे। इसी दौरान टीआई मनोज सोनी व थाने के अन्य पुलिसकर्मी आए और प्रदर्शन कर रहे सभी लोगों के साथ मुझे व मेरे कैमरामैन को घसीटते हुए थाने के अंदर ले जाया गया। जहां टीआई मनोज सोनी ने कहा कि तुम ही नेतागिरी कर रहे हो, इसके बाद हमारे साथ मारपीट करते हुए हमारे कपड़े उतरवाए गए। कनिष्क का आरोप है कि उन्हें बदनाम करने के लिए उनकी अर्धनग्न कर तस्वीरें खीचीं गईं जिन्हें बाद में सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। कनिष्क ने बताया कि कपड़े उतरवाने के बाद टीआई मनोज सोनी ने पीटने व गालियां देने के लिए उन्हें अपने केबिन में बुलाया जहां पहले से ही अमलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार, टीआई शेषमणि मिश्रा और विधायक के करीबी व शराब कारोबारी अमर सिंह कल्लू बैठे हुए थे। इसी दौरान उनकी अर्धनग्न तस्वीरें खींची गईं और जिन्हें विधायक और उनके बेटे को भेजा गया। जिसके बाद बदनाम करने के लिए इन तस्वीरों को वायरल भी किया गया।
मां की साड़ी से खेलते-खेलते आ गई मौत, रो-रोकर परिजन का बुरा हाल
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
थाने के अंदर पत्रकार और अन्य लोगों के साथ हुए इस व्यवहार को लेकर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी नजर आ रही है। लोग इस घटना की निंदा करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल जो उठाया जा रहा है वो ये है कि पुलिस को इनके साथ इस तरह का व्यवहार करने का अधिकार किसने दिया। इतना ही नहीं कुछ लोग तो इसे खाकी की गुंडागर्दी कह रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा विधायक को खुश करने के चक्कर में टीआई व उनके थाने के स्टाफ ने इन लोगों के साथ गलत व्यवहार किया है।