एक माह में ही चुरहट के आगे कठौतहा से सीधी बायपास तक सैकड़ों मकान तन गए हैं। मकान भी केवल बाह्य आवरण देकर बनाए गए है, जिन्हें देखकर ही स्पष्ट हो रहा है कि इनका निर्माण मुआवजे की चाह में किया जा रहा है।
18 किमी सड़क फोरलेन
केंद्र ने राष्ट्रीय राजमार्ग 39 रीवा से सीधी के बीच टूलेन को फोरलेन बनाने की मंजूरी पिछले महीने दी थी। मोहनिया टनल से चुरहट के सर्रा तक लगभग 18 किमी सड़क फोरलेन है। इसके आगे कठौतहा से सीधी बायपास तक 23 किमी मार्ग का चौड़ीकरण होना है। प्रशासन ने एनएच के किनारे संबंधित गांवों की जमीन के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी थी। सर्वे बाकी है। इसकी जानकारी होते ही क्षेत्र में हाइवे किनारे जिनकी जमीनें थीं, उन्होंने मुआवजे के लालच में मकानों का निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। लोगों को उमीद है कि मुआवजा राशि बढ़ जाएगी। इसी अनुरूप उनके द्वारा कम लागत में मकानों का निर्माण किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रयागराज-सिंगरौली हाइवे की स्वीकृति मिलने के बाद सिंगरौली जिले में चिंतरगी से मोरवा तक सडक़ किनारे मुआवजे के लालच में दो हजार से ज्यादा मकान बना लिए गए थे।
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दरअसल, जमीन अधिग्रहण नियमों के मुताबिक अधिग्रहण वाली भूमि पर यदि मकान बना होता है तो नियमानुसार उसे आवासीय श्रेणी में मानते हुए पुनर्वास पैकेज में कृषि भूमि से बहुत अधिक मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। इस वजह से भूमि स्वामियों ने धड़ाधड़ मकानों का निर्माण शुरू कर दिया है।
रीवा-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे जहां फोरलेन सडक़ निर्माण स्वीकृत है वहां अनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें अभी अवार्ड पारित नहीं हुआ है। एक्ट के अकॉर्डिंग ही अवार्ड पारित कर लाभ दिया जाएगा। अनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से जो निर्माण पाए जाएंगे, उन्हें लाभ नहीं मिलेगा।- नीलेश शर्मा, एसडीएम गोपद बनास