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शाहडोल

केंद्रों में 7 लाख क्विंटल से ज्यादा स्टॉक, मिलरों ने कहा-परिवहन की बनानी होगी अलग व्यवस्था

पहले दिन 3-4 मिलरों ने धान परिवहन के लिए भेजे वाहन, प्रक्रिया में भी लग रहा समय

शाहडोलDec 21, 2024 / 11:52 am

Kamlesh Rajak

पहले दिन 3-4 मिलरों ने धान परिवहन के लिए भेजे वाहन, प्रक्रिया में भी लग रहा समय
शहडोल. जिले में धान खरीदी शुरु होने के बाद परिवहन व मिलिंग को लेकर शुरु हुई समस्या समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद मिलरों ने अनुबंध तो कर लिया है, लेकिन धान परिवहन को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। मिलर्स एसोसिएशन की माने तो पहले दिन 3-4 मिलरों ने अपने 8-10 वाहन परिवहन के लिए लगाए हैं। धान के उठाव के लिए आवश्यक प्रक्रिया में भी पर्याप्त समय लग रहा है। इसके अलावा भण्डारण इतना ज्यादा हो गया है कि मिलर्स इतनी जल्दी धान का उठाव कर पाने सक्षम नहीं हंै। प्रबंधन को धान उठाव के लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था बनानी होगी। इसके बाद ही धान का उठाव संभव हो पाएगा।
अब तक 78588 एमटी धान खरीदी
जिले में शुक्रवार शाम तक 11 हजार 857 किसानों से 78588.5 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। इसमें से गोदाम के साथ ही समितियों में धान का पूरा स्टॉक रखा हुआ है। समितियों में पर्याप्त स्टॉक होने की वजह से धान खरीदी में भी समस्या हो रही है।
मौसम ने बदली करवट, बढ़ी चिंता
शुक्रवार से मौसम में आए परिवर्तन ने भी चिंता बढ़ा दी है। जिले में 27 से ज्यादा समितियों में लाखों क्विंटल धान खुले में रखी हुई है। ऐसे में बारिश हुई तो पूरी की पूरी धान भीग जाएगी। मिलर्स परिवहन शुरू भी करते हैं तो एक दो दिन में धान का परिवहन संभव ही नहीं है। समितियों के पास इतनी व्यवस्था भी नहीं है कि वह धान को सुरक्षित बचा सकें।
डीओ, मैपिंग सहित अन्य प्रक्रिया में समय
मिलरों से अनुबंध के बाद भी परिवहन की समुचित व्यवस्था नहीं बन पा रही है। बताया जा रहा है कि डीओ, मैपिंग सहित अन्य प्रक्रियाएं व्यवस्थित न होने की वजह से पहले दिन व्यवस्थित धान परिवहन प्रारंभ नहीं हो पाया है। पहले दिन कुछ मिलरों ने परिवहन के लिए वाहन उपलब्ध कराए थे लेकिन समुचित व्यवस्था नहीं बन पाई है।
संसाधन व सुविधाओं का अभाव
धान खरीदी करने वाली संस्था के पास न तो समुचित संसाधन हैं और न ही समुचित व्यवस्था। ऐसे में धान खरीदी के साथ ही परिवहन व्यवस्था भी बिगड़ी हुई है। संस्था ने खरीदी प्रारंभ करने के पहले आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं बनाई थी जिस कारण समय पर धान परिवहन प्रारंभ नहीं हो पाया। अब जब दबाव बढ़ गया है तो समितियों में स्टॉक बढ़ता जा रहा है।
यह भी बनी हुई है समस्या
राइस मिल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मो. जकरिया का कहना है कि जिले में साढ़े सात लाख क्विंटल से ज्यादा की धान खरीदी हो चुकी है। मिलरों ने मिलिंग के लिए अनुबंध कर लिया है, लेकिन इतनी मात्रा में धान का उठाव कर पाना संभव नहीं है। प्रशासन व संस्था को धान परिवहन के लिए अलग से व्यवस्था बनानी होगी। अब तक मिलरों को एफआरके उपलब्ध नहीं हो पाया है। मिलर्स धान मिलिंग करना शुरु भर करते हैं तो बिना एफआरके मिलाए वह गोदामंों में जमा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उनके सामने स्टॉक रखने की समस्या आ जाएगी।
मिलरों से अनुबंध के बाद उन्हें डीडीओ काटे जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जल्द ही धान के परिवहन की समुचितव्यवस्था बनाई जाए।

अर्पित सिंह, प्रबंधक एनसीसीएफ

7 लाख क्ंिवटल से ज्यादा धान का भण्डारण समितियों व गोदामों में है। इसके उठाव के लिए अलग से व्यवस्था बनानी होगी। अभी हमें एफआरके भी नहीं मिला है, ऐसे में मिलिंग प्रारंभ भी करते हैं तो बिना एफआरके के चावल जमा ही नहीं होगा। स्टॉक रखने की समस्या होगी।
मो. जकरिया, अध्यक्ष राइस मिलर्स एसोसिएशन

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